
नई दिल्ली
भारत सरकार की जीएसटी सुधार योजना (GST 2.0) के तहत यह प्रस्ताव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि सभी खाद्य और वस्त्र उत्पादों को समान रूप से 5% जीएसटी स्लैब में ले जाया जाए। इस कदम का उद्देश्य टैक्स संरचना को सरल बनाना, वर्गीकरण विवादों को समाप्त करना और आम जनता के लिए जरूरी वस्तुओं की लागत को कम करना है। यह प्रस्ताव 3–4 सितंबर 2025 को होने वाली अगली GST काउंसिल बैठक में विचाराधीन हो सकता है।
क्या है डिटेल
TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, निर्माण क्षेत्र में उपयोग होने वाले सीमेंट पर करों में कटौती पर चर्चा की जा रही है। खासकर इस पर मौजूदा 28% स्लैब को 18% पर लाने की योजना है। यह कदम उपभोक्ताओं के लिए निर्माण लागत कम कर सकता है, बशर्ते निर्माण उद्योग (जो कई बार वर्चस्ववादी आरोप झेल चुका है) इन लाभों को खरीदारों तक पहुंचाए। यदि यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो यह बदलाव निर्माण उद्योग में संतुलन और पारदर्शिता लाएगा। बता दें कि GST काउंसिल अगले महीने 3 और 4 सितंबर 2025 की बैठक में कई जरूरी प्रस्तावों पर विचार करेगी, जिनमें कई दैनिक और आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं पर GST की दरों में कटौती शामिल है, ताकि टैक्स संरचना को सरल बनाया जा सके।
बीमा सेक्टर में भी राहत की उम्मीद
GST काउंसिल यह भी प्रस्ताव रख रही है कि व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर GST शून्य प्रतिशत टैक्स लगा हो। इससे बीमा की पहुंच बढ़ेगी और लोगों के लिए यह किफायती विकल्प बन सकेगा, जिससे व्यापक स्वास्थ्य कवरेज को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देने में एक बड़ी भूमिका निभा सकती है।
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