
दोहा
इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमलों के बाद अब अमेरिका को मध्य पूर्व में अपने सैन्य अड्डों की सुरक्षा का डर सताने लगा है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, कतर के एक प्रमुख अमेरिकी एयरबेस से पिछले दो सप्ताह में करीब 40 अमेरिकी मिलिट्री एयरक्राफ्ट गायब हो गए हैं। संभावना है कि उन्हें ईरानी हमलों से बचाने के लिए हटाया गया है। प्लैनेट लैब्स पीबीसी की 5 जून से 19 जून के बीच की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि कभी खचाखच भरा मध्य पूर्व में अमेरिका का सबसे बड़ा एयरबेस पर लगभग पूरी तरह खाली हो गया है।
कतर के अल उदीद एयरबेस पर 5 जून को C-130 हरक्यूलिस परिवहन विमानों और उन्नत टोही जेट समेत लगभग 40 विमान खुलेआम खड़े थे। 19 जून की सैटेलाइट तस्वीरों में केवल तीन ही बचे दिखाई दे रहे हैं। कतर में अमेरिकी दूतावास ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि बेस तक पहुंच अत्यधिक सावधानी और चल रही क्षेत्रीय शत्रुता के मद्देनजर सीमित होगी। इसके साथ भी बेस कर्मियों से अधिक सतर्कता बरतने का आग्रह किया।
ट्रंप ने अभी तक नहीं लिया फैसला
इजरायल और ईरान के बीच जंग शुरू होने के एक सप्ताह बाद भी अमेरिका इसमें शामिल नहीं हुआ है। 19 जून को वॉइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप अगले दो सप्ताह में इस बारे में फैसला लेंगे। एएफपी ने विमानों पर नजर रखने वाले ओपेन-सोर्स डेटा के विश्लेषण से बताया है कि कम से कम 27 सैन्य ईंधन भरने वाले विमान- केसी-46ए पेगासस और केसी-135 स्ट्रेटोटैंकर विमान- 15 से 18 जून के बीच अमेरिका से यूरोप की यात्रा पर गए।
अमेरिका ने शुरू कर दी तैयारी
उनमें से केवल दो विमान ही अमेरिका लौटे, जबकि 25 विमान बुधवार देर रात तक यूरोप में थे। हवा में ईंधन भरने वाले विमान लंबी दूरी के हवाई अभियानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और यह इस बात का संकेत हो सकता है कि अमेरिका लंबे मिशनों के लिए तैयारी कर रहा है।
अमेरिका को किस बात का डर?
अमेरिकी सेना में पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल और रैंड कॉरपोरेशन में डिफेंस रिसर्चर मार्क श्वार्ट्ज ने एएफपी को बताया कि ईरान के बेहद नजदीक होने के कारण अल-उदीद में विमान बेहद असुरक्षित होंगे। मध्य पूर्व में सेवा दे चुके श्वार्ट्ज ने कहा कि छर्रे भी विमान को मिशन के लिए अयोग्य बना सकते हैं। उन्होंने कहा, ऐसा करके (विमानों को हटाकर) अमेरिकी सेना, कर्मियों और उपकरणों दोनों के लिए जोखिम को कम करना चाहती है।
अमेरिका के 40000 सैनिक तैनात
इजरायल और ईरान में जंग के बीच मध्य पूर्व में अमेरिकी सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं। वर्तमान में पूरे क्षेत्र में लगभग 40,000 सैनिक तैनात है। जबकि सामान्य तौर पर यहां 30,000 की तैनाती रहती है। अक्टूबर में इजरायल और ईरान के बीच तनाव के दौरान और लाल सागर में जहाजों पर हूतियों के हमले के समय यह संख्या कुछ समय के लिए बढ़कर 43,000 हो गई थी।
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