June 27, 2025

ईरान-इजरायल युद्ध के चलते सेंधा नमक और सूखे मेवों की कीमतें बढ़ी

भोपाल
ईरान-इजरायल के बीच भले ही युद्ध विराम हो गया हो लेकिन इस जंग ने भारतीयों का उपवास महंगा कर दिया है। ईरान से सेंधा नमक का आयात बंद हो चुका है। पाकिस्तान से इसका आयात पहले ही बंद है। इसकी वजह से बाजारों में आपूर्ति प्रभावित है। बाजार में इसे भाव दोगुने से अधिक हो गए हैं। सूखे मेवो पर भी महंगाई का असर है।

भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महामंत्री विवेक साहू ने बताया कि पाकिस्तान से तनाव की वजह से लाहौरी सेंधा नमक का आना पहले ही बंद हो गया था। उसके बाद ईरान से सेंधा नमक का आयात शुरू हुआ। वहां युद्ध शुरू हुआ तो नमक की वह खेप आनी भी बंद हो गई।

युद्ध से पहले सेंधा नमक का थोक भाव 18 से 20 रुपया प्रति किलोग्राम था। 30 रुपया प्रति किलोग्राम की दर से फुटकर में बिकता था। अभी थोक में इसकी कीमत 35 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। वहीं फुटकर में सेंधा नमक 60 रुपये किलो बिक रहा है। व्यापारिक संघों के मुताबिक केवल भोपाल संभाग के जिलों में ही रोजाना पांच टन सेंधा नमक की खपत होती है।

त्यौहारी सीजन में यह खपत नौ से 10 टन रोजाना तक बढ़ जाती है। इधर ईरान से आने वाले सूखे मेवों में भी तेजी देखी जा रही है। कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) भोपाल के अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि जुलाई से सावन माह शुरू हो रहा है।

बड़ी संख्या में लोग उपवास रखेंगे। उपवास नवरात्र तक चलते रहेंगे। इस दौरान सेंधा नमक व सूखे मेवों की खपत दोगुनी हो जाएगी। ऐसे में इन खाद्य पदार्थों के भाव और बढ़ सकते हैं। ऐसे में महंगाई की मार लोगों की जेब पर पड़ेगी।
बासमती निर्यातकों को नुकसान

थोक किराना व जड़ी-बूटी विक्रेता अरुण सोगानी बताते हैं कि देश से 35 प्रतिशत बासमती चावल ईरान भेजा जाता है। युद्ध के चलते बंदरगाहों पर रखा हुआ बासमती चावल खराब हो रहा है। अभी बाजार में बासमती चावल की कीमतें 20 रुपया प्रति किलोग्राम तक गिर सकती हैं।