
एमसीबी
जिले के भरतपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम राँपा के निवासियों के लिए अब पीने का पानी पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और स्वच्छ हो गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्राम में स्थापित हैंडपंप के जल स्रोत में क्लोरीनेशन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस वैज्ञानिक प्रक्रिया के माध्यम से जल में उपस्थित हानिकारक जीवाणुओं और कीटाणुओं को प्रभावी ढंग से नष्ट किया गया, जिससे अब ग्रामीणों को संक्रमण मुक्त एवं गुणवत्ता युक्त पेयजल मिल रहा है।
क्लोरीनेशन की यह पहल ग्रामवासियों के स्वास्थ्य की दृष्टि से एक बड़ा और कारगर कदम है, जिससे ग्रामीणों को जलजनित बीमारियों से बचाव में सीधा लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि अब तक कई ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की गुणवत्ता को लेकर चिंता बनी रहती थी, विशेषकर गर्मियों और बरसात के मौसम में जब जल स्रोतों में प्रदूषण की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा समय रहते इस पहल को अमल में लाना अत्यंत सराहनीय है। विभाग द्वारा नियमित निगरानी, पानी के सैंपल परीक्षण और आवश्यकतानुसार क्लोरीन का उपयोग कर जल स्रोतों को शुद्ध बनाया गया है, जिससे न केवल पेयजल की गुणवत्ता में सुधार आया है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने इस पहल का स्वागत करते हुए प्रसन्नता जताई है। उनका कहना है कि पहले हैंडपंप के पानी में हल्की दुर्गंध और अस्वच्छता की शिकायत रहती थी, जिससे उन्हें पीने के लिए पानी उबालना पड़ता था। अब क्लोरीनेशन के बाद पानी की गुणवत्ता में स्पष्ट सुधार देखने को मिल रहा है और बीमारियों की आशंका भी कम हो गई है। इस पहल ने ग्रामवासियों के जीवन में नई उम्मीदें और स्वास्थ्य के प्रति विश्वास जगाया है। स्वच्छ जल दृ स्वस्थ जीवन के मंत्र को साकार करती यह योजना सरकार की ग्रामीण क्षेत्रों को स्वास्थ्य-सुरक्षा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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