
डायबिटीज से शरीर पर कई अन्य दुष्प्रभाव होने की बात सामने आती रही है। एक ताजा शोध में पाया गया कि डायबिटीज पीड़ितों की प्रतिरक्षा शक्ति भी कमजोर हो जाती है, जिस कारण उन्हें संक्रमणों से लड़ने में परेशानी आती है।
शोध के अनुसार, खून में शुगर की बढ़ी हुई मात्रा कुछ ऐसे अणुओं को प्रोत्साहित कर देती है जो संक्रमण से लड़ने की शरीर की प्राकृतिक क्रिया में बाधा उत्पन्न करते हैं। क्लीवलैंड के केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रमुख शोधकर्ता जेना किसलर ने कहा, इस शोध के परिणाम अनियंत्रित डायबिटीज वाले मरीजों के लिए अधिक कारगर दवा बनाने में सहायक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस शोध से शुगर के स्तर को कम करने और नियंत्रित रखने की जरूरत को बल मिला है। ज्यादा डायबिटीज की स्थिति में ग्लूकोज के टूटने से डाईकार्बोनिल अणु बनते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए हानिकारक हैं।
डायबिटीज से प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे कमजोर होती है:
उच्च रक्त शर्करा: रक्त में अतिरिक्त शर्करा, जिसे हाइपरग्लेसेमिया भी कहा जाता है, प्रतिरक्षा कोशिकाओं के कार्य को बाधित करता है, जिससे संक्रमण से लड़ना मुश्किल हो जाता है.
सूजन: मधुमेह से पुरानी सूजन हो सकती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती है और संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाती है.
घाव भरने में देरी: उच्च रक्त शर्करा के कारण, रक्त गाढ़ा हो जाता है, जिससे श्वेत रक्त कोशिकाएं (जो संक्रमण से लड़ती हैं) घाव वाली जगह तक पहुंचने और संक्रमण से लड़ने में अधिक समय लेती हैं.
न्यूरोपैथी: मधुमेह से तंत्रिका क्षति (न्यूरोपैथी) हो सकती है, जो संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकती है, खासकर पैरों और त्वचा में.
कमजोर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया: मधुमेह से पीड़ित लोगों में, प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया कमजोर हो सकती है, जिससे वे संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं.
निष्कर्ष: डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। मधुमेह रोगियों को अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने के लिए उचित आहार, व्यायाम और दवाओं का पालन करना चाहिए.
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