August 17, 2025

CUET में कम नंबर? BHU ने खाली सीटों के लिए बदली एडमिशन पॉलिसी, अब 12वीं और ग्रेजुएशन मार्क्स से मिलेगा मौका

बनारस

यह जरूरी नहीं है कि आप किसी परीक्षा की तैयारी में जितनी मेहनत करते हैं, उस एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट भी आपकी उम्मीदों पर खरा उतरे। खासकर सीयूईटी जैसे नेशनल लेवल एग्जाम में, जहां एक छोटी-सी गलती भी आपके नतीजे पर बड़ा फर्क डाल सकती है। ऐसे में अच्छी यूनिवर्सिटी में एडमिशन न मिल पाने की फिक्र सताने लगती है।

इसी चिंता को दूर करने के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने बड़ा कदम उठाया है। जिसके तहत बीएचयू ने अपनी एडमिशन पॉलिसी में बदलाव किए हैं। अब विश्वविद्यालय खाली सीटों को भरने के लिएसीयूईटी के स्कोर के साथ ही एकेडमिक रिकॉर्ड को भी मान्यता देगा।

BHU की नई एडमिशन पॉलिसी
बीएचयू ने फैसला लिया है कि अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस की खाली सीटें अब केवल सीयूईटी स्कोर से ही नहीं, बल्कि मेरिट यानी 12वीं और ग्रेजुएशन मार्क्स के आधार पर भी भरी जाएंगी। यह कदम उन छात्रों के लिए राहत लेकर आया है, जो सीयूईटी में उम्मीद के मुताबिक परफॉर्म नहीं कर पाए, लेकिन उनका एकेडमिक रिकॉर्ड अच्छा रहा है।

सीटों का खाली रखना संसाधनों की बर्बादी
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) का कहना है कि यूनिवर्सिटी में सीटों का खाली रहना जितना छात्रों के लिए नुकसानदायक है, उनता ही संस्थान के लिए भी। जब भरपूर संसाधन उपलब्ध है तो सीटों का खाली रखना व्यावहारिक नहीं है। ऐसे में बीएचयू समेत देश के दूसरे विश्वविद्यालयों को भी मेरिट के आधार पर भी यूजी और पीजी कोर्सेस में दाखिला देने का ऑप्शन दिया गया है। इस साल मेरिट के आधार पर भी एडमिशन दिया जाएगा। वहीं, अगले साल सीयूईटी स्कोर मेंडेटरी रहेगा।

कितनी सीटें अब भी खाली?
रिपोर्ट्स की माने तो बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में करीब 10,000 पीजी सीटों में से लगभग 1,200 सीटें खाली हैं। वहीं, अंडर ग्रेजुएट कोर्सेस की 9,200 सीटों में से भी काफी सीटें अभी तक भर नहीं पाई हैं। ऐसे में यूजीसी का कहना है कि इतनी सीटें खाली छोड़ना संसाधनों की बर्बादी है, इसलिए इन्हें भरा जाना जरूरी है। जिसके तहत संस्थान ने अपनी एडमिशन पॉलिसी में बदलाव किए हैं।

प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ाई का मौका
बीएचयू भारत का प्रमुख केंद्रीय और पुराना विश्वविद्यालय है। यहां से पढ़ाने का सपना देश के ज्यादातर छात्र देखते हैं। नई एडमिशन पॉलिसी से उन छात्रों को भी मौका मिलेगा, जो कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम में अच्छा नहीं कर पाए। लेकिन अब उनके पास अपने अच्छे अकादमिक रिकॉर्ड की बदौलत BHU में एडमिशन पाने का मौका है। ऐसे छात्रों को देर नहीं करनी चाहिए, जिनके सीयूईटी में लो स्कोर हैं।