
भोपाल
एमपी में यूरिया की जबर्दस्त कमी है। इसके लिए प्रदेशभर के किसान परेशान हो रहे हैं। छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, रीवा जैसे जिलों में खाद के लिए किसान रात 3 बजे से लाइन में लग रहे हैं तब भी मायूस होकर लौट रहे हैं। पिछले करीब एक महीने से यूरिया के लिए मारामारी मच रही है। किसानों ने इसके लिए धरना, प्रदर्शन, आंदोलन सब कुछ किया है पर यूरिया की जगह उन्हें सिर्फ़ आश्वासन और पुलिस की लाठियां मिल रहीं हैं। इससे प्रदेश के किसानों में खासी नाराजगी है। ऐसे माहौल में सीएम मोहन यादव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने प्रदेश के किसानों के लिए 5.60 लाख मेट्रिक टन यूरिया जल्द उपलब्ध कराने का ऐलान किया है।
प्रदेश के रीवा में कई दिनों के इंतजार के बाद सोमवार को खाद वितरण केन्द्र खुले तो किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी। जिले के कई केन्द्रों में रात्रि के तीन बजे से ही लंबी लाइनें लग गई थी। बीते कई दिनों से कृषि सेवा सहकारी समितियां और डबल लॉक सेंटर में खाद नहीं मिल रही थी। कुछ दिन पहले आई एक रैक की खाद सभी डबललॉक सेंटर और 148 में केवल 42 समितियों में भेजा गया था। भाकियू के अध्यक्ष सुब्रतमणि त्रिपाठी बताते हैं कि किसानों के सामने बड़ा संकट है। सहकारी समितियों में खाद नहीं है, डबल लॉक में कई दिनों बाद आई। इसलिए भीड़ जमा हो गई। कई किसान दिनभर लाइन में लगे रहे फिर भी बिना खाद के लिए वापस लौटे हैं।
आंदोलन का ऐलान
छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में भी यूरिया के लिए ऐसा ही हाहाकार मचा हुआ है। छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने यूरिया के लिए आंदोलन का ऐलान किया है। इधर सरकार दावा कर रही है कि यूरिया की कोई कमी नहीं है, प्रदेश में पर्याप्त खाद है। हालांकि हकीकत यही है कि प्रदेशभर में किसान यूरिया के लिए तरस रहे हैं।
5.60 लाख मेट्रिक टन यूरिया प्राप्त होने की संभावना
इस बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यूरिया की उपलब्धता के संबंध में अहम बयान दिया। मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रियों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेश में 5.60 लाख मेट्रिक टन यूरिया प्राप्त होने की संभावना है। यह मात्रा आगामी डेढ़ माह में मिल जाएगी।
डेढ़ माह में मिलेगा यूरिया
सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि यूरिया का कुल भंडारण 15.60 लाख मेट्रिक टन है। इसमें से 13.92 लाख मेट्रिक टन यूरिया किसानों को वितरित की जा चुकी है और 1.68 लाख मेट्रिक टन यूरिया शेष है। सीएम ने बताया कि प्रदेश में मक्का का क्षेत्रफल करीब 5 लाख हेक्टेयर बढ़ जाने के कारण यूरिया की मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आगामी डेढ़ माह में 5.60 लाख मेट्रिक टन यूरिया प्राप्त होने की संभावना है।
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