
इंदौर
मध्यप्रदेश का पहला क्रिकेट म्यूजियम इंदौर के होलकर स्टेडियम में तैयार किया गया है. यह म्यूजियम करीब 1200 स्क्वायर फीट में बना है और इसकी डिजाइन भोपाल के आर्किटेक्ट हुजूर नंद चौधरी ने की है. इस म्यूजियम को बनाने में लगभग 6 साल का समय लगा है. बाहर का एरिया लॉईस के पवेलियन स्टाइल में और अंदर कोलोनियल आर्किटेक्चर स्टाइल में तैयार किया गया है. म्यूजियम में प्रवेश करते ही कर्नल सीके नायडू का स्टैच्यू और उनके 30 किलो वजन वाला लोहे का किट बैग नजर आता है. म्यूजियम की बालकनी में कपिल देव का स्टैच्यू रखा गया है, जिसमें वे 1983 का वर्ल्ड कप थामे दिखते हैं.
क्रिकेटरों की यादगार सामग्री
यहां 18वीं सदी से लेकर आज तक के क्रिकेट इतिहास से जुड़ी 300 से ज्यादा चीजें रखी गई हैं. 1983 की वर्ल्ड कप विजेता टीम का साइन किया हुआ बैट, कपिल देव का मंगूस बैट, सचिन तेंदुलकर के पैड्स, राहुल द्रविड़ के ग्लव्स, दिलीप वेंगसरकर का हेलमेट और अमय खुरासिया का बैट भी संग्रह का हिस्सा हैं. इसके अलावा विराट कोहली, धोनी, युवराज सिंह, जहीर खान और रोहित शर्मा के साइन वाली सामग्री भी मौजूद है. क्रिकेट की बाइबल कही जाने वाली विज्डन मैगजीन के 1952 से अब तक के अहम एडिशन भी यहां देखे जा सकते हैं, जिन्हें पूर्व क्रिकेटर संजय जगदाले ने अपने कलेक्शन से दिया है.
क्रिकेट की बाइबल 'विजडन' के एडिशन भी रखे इंदौर के होलकर स्टेडियम में बने क्रिकेट म्यूजियम में 18वीं सदी से लेकर 2024 तक का इतिहास है। क्रिकेट की बाइबल कही जाने वाली विजडन मैगजीन के स्पेशल एडिशन भी यहां मौजूद हैं।
म्यूजियम में विजडन के 1952 से लेकर अब तक के सभी महत्वपूर्ण एडिशन हैं। यह मैगजीन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को कवर करती थी, लेकिन धीरे-धीरे इसने पूरी दुनिया के क्रिकेटरों को जगह देनी शुरू कर दी।
डॉन ब्रैडमैन और सचिन का ओरिजनल बैट इंदौर के म्यूजियम में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सर डॉन ब्रैडमैन और सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट बैट मौजूद हैं। विराट कोहली की वह शर्ट भी यहां है, जिसे पहनकर उन्होंने इंदौर में 211 रन बनाए थे। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज शेन वार्न की शर्ट भी यहां रखी है।
सर डॉन ब्रैडमैन ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर थे। उनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। ब्रैडमैन ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा 99.95 की औसत से रन बनाए हैं। 52 टेस्ट मैचों में उन्होंने 29 शतक लगाए हैं। उस समय वनडे क्रिकेट का चलन नहीं था इसलिए वे वनडे नहीं खेल सके।
सौरव गांगुली और कुंबले द्वारा तमाम रिकॉर्ड बनाए जाने के दौरान इस्तेमाल खेल सामग्री भी यहां है।
डेनिस लिली ने एल्यूमीनियम के बैट से खेला, वह भी यहां ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी डेनिस लिली ने 1979 में इंग्लैंड से मशहूर क्रिकेट सीरीज एशेज के दौरान एल्यूमीनियम का बैट इस्तेमाल किया था। इंग्लैंड के कप्तान माइक ब्रेयरली ने शिकायत करते हुए कहा कि इस बल्ले की वजह से गेंद का आकार बिगड़ रहा है।
अंपायर ने डेनिस लिली को समझाया कि इससे गेंद खराब हो रही है लेकिन लिली इसी बैट से खेलने पर अड़े रहे।
आईसीसी को बदलना पड़ा नियम दरअसल, उस समय आईसीसी का ऐसा कोई नियम नहीं था कि बल्ला सिर्फ लकड़ी का हो इसलिए डेनिस लिली ने एल्यूमीनियम का बैट बनवा लिया था। वे इसी से खेला करते थे। इस मैच में विवाद के बाद आईसीसी ने नया नियम बनाया। इसके तहत बल्लेबाज सिर्फ लकड़ी का बैट ही इस्तेमाल कर सकता है।
दुनिया के दिग्गजों से जुड़ी चीजें
म्यूजियम का आकर्षण केवल भारतीय क्रिकेट तक सीमित नहीं है. यहां सर डॉन ब्रैडमेन और सचिन तेंदुलकर के ओरिजनल बैट रखे गए हैं. विराट कोहली की वह शर्ट भी है जिसे पहनकर उन्होंने इंदौर में 211 रन बनाए थे. शेन वार्न की शर्ट, सुरेश रैना का टूटा हुआ बैट और सौरव गांगुली व अनिल कुंबले द्वारा इस्तेमाल किए गए क्रिकेट गियर भी संग्रह का हिस्सा हैं. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी डेनिस लिली का 1979 एशेज सीरीज में इस्तेमाल एल्यूमीनियम बैट भी यहां रखा गया है, जिसकी वजह से बाद में आईसीसी को नियम बदलना पड़ा था. इसके अलावा 1986 में भारत-ऑस्ट्रेलिया के टाई टेस्ट और 2001 के री-मैच में इस्तेमाल स्टंप का टुकड़ा भी यहां रखा गया है.
समय और टिकट दरें
क्रिकेट म्यूजियम के खुलने का समय सुबह 11 बजे से शाम 6.30 बजे तक रखा गया है और सोमवार को अवकाश रहेगा. 4 से 12 साल के बच्चों का टिकट 50 रुपए और 12 साल से अधिक उम्र के लोगों का टिकट 100 रुपए रखा है. यहां लैंडस्केपिंग से लेकर सौवेनियर शॉप तक सब कुछ मेटल के डिजाइन से तैयार किया गया है. एमपीसीए के वाइस प्रेसिडेंट रमणीक सलूजा का कहना है कि इस म्यूजियम का मकसद ज्यादा से ज्यादा ऐतिहासिक सामग्री को संजोना और आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करना है.
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