
अम्बिकापुर
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सरगुजा ने आगामी त्यौहारों के मद्देनजर शांति एवं सुव्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। गणेश चतुर्थी से लेकर गणेश विसर्जन तक होने वाले धार्मिक आयोजन तथा दिनांक 5 सितम्बर 2025 को मुस्लिम समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले ईद मिलाद-उन-नबी पर्व के दौरान जिले में भीड़-भाड़ की संभावना को देखते हुए यह आदेश लागू किए गए हैं।
पंडाल व्यवस्था पर कड़े नियम
सड़कों पर पंडाल लगाकर मार्ग अवरुद्ध नहीं किए जाएंगे। विशेष रूप से विद्यालयों, अस्पतालों और आपात सेवा मार्गों पर ध्यान रखा जाएगा। आयोजन समितियों को यातायात, पुलिस एवं नगर निगम से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य होगा। पंडाल में सीसीटीवी कैमरे, वालंटियर्स की व्यवस्था और डस्टबिन रखना आवश्यक होगा। भंडारा के दौरान प्लास्टिक सामग्री का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा।
मूर्ति स्थापना एवं पर्यावरण संरक्षण
केवल मिट्टी से निर्मित मूर्तियों की स्थापना की अनुमति दी गई है। केमिकल युक्त रंग और प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों पर रोक लगाई गई है। मुख्य पंडाल के बाहर मूर्ति रखने की अनुमति नहीं होगी।
ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग
सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक ही अनुमति होगी। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। ध्वनि स्तर 45 से 70 डीबी की सीमा में रखना होगा तथा साउंड लिमिटर का उपयोग अनिवार्य है। अश्लील या धार्मिक उन्माद फैलाने वाले गीतों पर प्रतिबंध रहेगा।
मूर्ति विसर्जन के दिशा-निर्देश
विसर्जन केवल निर्धारित तिथि, स्थल और मार्ग के अनुसार किया जाएगा। विसर्जन के दौरान सड़कों पर मंच बनाने की अनुमति नहीं होगी। घाटों की सफाई, प्रकाश व्यवस्था, गोताखोर, जेसीबी और क्रेन की व्यवस्था निगम द्वारा की जाएगी।
शांति व्यवस्था की जिम्मेदारी
जिले के सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी अपने क्षेत्र में शांति समिति की बैठक आयोजित कर इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेंगे। पुलिस विभाग को पर्याप्त बल तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने नागरिकों से अपील की है कि त्योहारों को सौहार्द्र और शांतिपूर्ण तरीके से मनाएं और प्रशासन को सहयोग दें।
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