
लाहौर
भारत ने एक बार फिर मानवीयता का परिचय देते हुए पड़ोसी देश पाकिस्तान को बाढ़ के खतरे से आगाह किया, जिसके बाद पाकिस्तानी प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए लगभग डेढ़ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। यह कदम जम्मू-कश्मीर में तवी नदी में संभावित बाढ़ की चेतावनी के बाद उठाया गया, जिसका असर सीमा पार पाकिस्तान में भी हो सकता है। भारत की इस पहल को दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के बावजूद मानवीयता का एक बड़ा उदाहरण माना जा रहा है।
भारत ने दी समय पर चेतावनी
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के माध्यम से पाकिस्तान को सूचित किया कि जम्मू में तवी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यह चेतावनी ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पहली आधिकारिक बातचीत के रूप में सामने आई है। बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। इसके बावजूद, भारत ने मानवीय आधार पर यह कदम उठाया। बता दें कि भारत ने पाकिस्तान को यह अलर्ट केवल मानवीय आधार पर दिया है और इसका सिंधु जल संधि से कोई लेना-देना नहीं है।
पाकिस्तान में बाढ़ का अलर्ट
भारत की चेतावनी के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने तत्काल प्रभाव से बाढ़ का अलर्ट जारी किया। पाकिस्तान का पंजाब प्रांत पहले से ही मूसलाधार बारिश और नदियों के बढ़ते जलस्तर से प्रभावित है। वहां राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। पंजाब आपातकालीन बचाव सेवा 1122 के प्रवक्ता फारूक अहमद ने बताया कि कसूर, ओकारा, पाकपट्टन, बहावलनगर और वेहारी जैसे जिलों में सिंधु, चिनाब, रावी, सतलुज और झेलम नदियों के किनारे बसे गांवों से पिछले 24 घंटों में करीब 20,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा जारी बाढ़ की चेतावनी के मद्देनजर ये कदम उठाए गए हैं।
पाकिस्तानी प्रशासन ने निचले इलाकों में राहत शिविर स्थापित किए हैं और बचाव अभियान के लिए मशीनरी के साथ टीमें तैनात की हैं। एनडीएमए ने अगले 48 घंटों में और भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की है, जिसके चलते इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर और गुजरांवाला जैसे शहरों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
डेढ़ लाख लोगों को सुरक्षित निकाला
पाकिस्तान में इस साल जून से शुरू हुए मॉनसूनी मौसम ने भारी तबाही मचाई है। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) के अनुसार, हाल के दिनों में बाढ़ और भारी बारिश के कारण लगभग 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 190 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीमों ने 512 अभियानों में 25,644 लोगों को सुरक्षित निकाला है। हालांकि, कुछ अनुमानों के अनुसार, अब तक डेढ़ लाख से अधिक लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब प्रांतों में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है। बच्चों की स्थिति भी चिंताजनक है, क्योंकि विस्थापन, शिक्षा में बाधा और स्वच्छ जल की कमी उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है। यूनिसेफ के अनुसार, 15 अगस्त के बाद खैबर पख्तूनख्वा में 21 बच्चे मारे गए हैं।
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