लखनऊ
उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महाराजगंज से सात बार के सांसद पंकज चौधरी को निर्विरोध रूप से पार्टी की प्रदेश इकाई की कमान सौंपी गई. लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर आयोजित समारोह में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उनकी नियुक्ति की औपचारिक घोषणा की, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. हालांकि, यूपी के कप्तान के रूप में उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पहले ही दिन उन्हें SIR को लेकर टास्क थमा दिया है. इसके अलावा 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव को सेमीफइनल की तौर पर देखा जा रहा है.
दरअसल, बीजेपी ने पंकज चौधरी को यूपी बीजेपी का नया कप्तान बनाया है. पंकज चौधरी कुर्मी समुदाय से आते हैं, जो ओबीसी वर्ग का नेतृत्व करते है. उनकी नियुक्ति को 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की जातीय समीकरण मजबूत करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. नए अध्यक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी को हुए नुकसान से उबरना, संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करना और आगामी 2026 पंचायत चुनावों की तैयारी करना होगी. लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें SIR को लेकर नया टास्क दे दिया है.
SIR में बीजेपी वोटर्स के नाम कटे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी के विधायकों, सांसदों, मंत्रियों और संगठन पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान पर विशेष जोर दिया. उन्होंने दावा किया कि SIR प्रक्रिया में करीब चार करोड़ मतदाताओं के नाम सूची से हट गए हैं या शामिल नहीं हो पाए हैं, जिनमें से अधिकांश भाजपा समर्थक हैं.
SIR की मेहनत 2027 में दिखेगी
योगी ने कहा कि राज्य की आबादी को देखते हुए मतदाताओं की संख्या बढ़नी चाहिए थी, लेकिन यह घट गई है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि बूथ स्तर पर मेहनत करें, फर्जी नामों पर आपत्ति दर्ज कराएं और योग्य मतदाताओं के नाम जोड़ें. मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि SIR में की गई यह मेहनत 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को तीन-चौथाई बहुमत से जीत दिलाएगी.
पंकज चौधरी के लिए पहला टास्क
पंकज चौधरी की नियुक्ति को मिशन-2027 से पहले एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, नए अध्यक्ष के नेतृत्व में संगठनात्मक मजबूती और OBC वोट बैंक को एकजुट करने पर फोकस रहेगा. निवर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने नए अध्यक्ष को पार्टी का झंडा सौंपकर शुभकामनाएं दीं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2027 का विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए हैट्रिक का मौका है, लेकिन विपक्ष के PDA गठजोड़ और लोकसभा में मिले झटके के बाद संगठन को नई ऊर्जा देने की जरूरत है. पंकज चौधरी के सामने यह सेमीफाइनल जैसी चुनौती होगी.

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