कोलकाता
पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप विश्वास ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। यह कदम 13 दिसंबर को युवा भारती क्रीड़ांगन में लियोनेल मेसी के कार्यक्रम के दौरान हुए हंगामे के बाद उठाया गया है। इस घटना ने देश और दुनिया में कोलकाता की बदनामी कराई। अरूप विश्वास ने हाथ से लिखा पत्र लिखकर पद से मुक्त करने का अनुरोध किया है। यह पत्र सोशल मीडिया पर सामने आया है। हालांकि अरूप विश्वास या तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। दरअसल पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने खेल मंत्री से कहा था कि वह मैसी के कार्यक्रम में हुए हंगामे की जिम्मेदारी लें या इस्तीफा दें। इसके बाद खेल मंत्री ने यह कदम उठाया है।
अरूप विश्वास ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा
यह घटना 13 दिसंबर को विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन (जिसे सॉल्ट लेक स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता है) में हुई थी। लियोनेल मेसी के कार्यक्रम में काफी अव्यवस्था फैल गई थी। इस हंगामे के कारण कोलकाता की काफी किरकिरी हुई। इसी घटना से आहत होकर खेल मंत्री अरूप विश्वास ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ लेटर
अरूप विश्वास का यह हाथ से लिखा हुआ पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने मंगलवार को यह जानकारी दी। घोष ने एक फेसबुक पोस्ट में बिस्वास की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे गए इस्तीफे की प्रति शेयर की। इसमें उन्होंने राज्य के खेल मंत्री के रूप में अपने दायित्वों से मुक्त करने का अनुरोध किया है।
घोष की पोस्ट में क्या?
कुणाल घोष ने अपनी पोस्ट में कहा कि खेल मंत्री अरूप बिस्वास ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर खेल विभाग की जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि इस कदम का कारण मेस्सी के कार्यक्रम में उत्पन्न हुई आराजकता से उपजे विवाद को बताया गया है। हालांकि, तृणमूल नेता द्वारा साझा किया गया पत्र बिस्वास के आधिकारिक लेटरहेड पर नहीं था। इससे राजनीतिक हलकों में इसकी औपचारिक स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं।
इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि ममता बनर्जी सरकार 13 दिसंबर को मशहूर फुटबॉलर मेसी के कार्यक्रम दौरान हुई अव्यवस्था, भीड़ के कुप्रबंधन और सुरक्षा में चूक की घटनाओं से हुई आलोचनाओं को कितनी गंभीरता से ले रही है.
सरकार के सूत्रों ने पुष्टि की है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिस्वास का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से इस बात की पुष्टि की. बिस्वास के हाथ से लिखे इस्तीफे के पत्र में, जिसकी तारीख 15 दिसंबर है और जिसमें मुख्यमंत्री को "आदरणीय दीदी" कहकर संबोधित किया गया है, कहा गया है कि वह "निष्पक्ष जांच" के हित में पद छोड़ना चाहते हैं. उन्होंने लिखा कि वह नहीं चाहते कि उनके पद पर बने रहने से जांच पर कोई असर पड़े.
13 दिसंबर को सॉल्ट लेक स्टेडियम में अव्यवस्था के बाद से ही खेल विभाग पर दबाव बढ़ रहा था, जनता और पूरे राजनीतिक गलियारों से आलोचना हो रही थी, क्योंकि इस घटना को दुनिया के सबसे मशहूर खिलाड़ियों में से एक के इवेंट के लिए प्लानिंग और कोऑर्डिनेशन की नाकामी के तौर पर देखा जा रहा था.
उधर, खेल मंत्री के इस्तीफे से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है. मुख्य सचिव के दफ्तर से जारी एक प्रेस रिलीज में, राज्य सरकार ने कहा कि DGP राजीव कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसमें 24 घंटे के अंदर यह बताने को कहा गया है कि इतने बड़े पैमाने पर कुप्रबंधन कैसे होने दिया गया और निजी आयोजकों और दूसरे हितधारकों के साथ प्रभावी तालमेल की कमी क्यों थी. बिधाननगर पुलिस कमिश्नर मुकेश कुमार से भी उनके कमिश्नरेट की भूमिका के बारे में इसी तरह का स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.
राज्य के प्रशासनिक इतिहास में इस तरह से पुलिस के आला अधिकारियों को सीधे तौर पर जवाबदेह ठहराना बहुत कम होता है.
सॉल्ट लेक स्टेडियम के यूथ सर्विसेज एंड स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के सीईओ देब कुमार नंदन को इवेंट मैनेजमेंट में लापरवाही के लिए तुरंत उनके पद से हटा दिया गया है. डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) अनीश सरकार, जो इवेंट के दिन मौके पर इंचार्ज थे, उन्हें कथित लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है, और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है. खेल विभाग के प्रधान सचिव राजेश कुमार सिन्हा को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए, राज्य सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस असीम कुमार रे की सलाह पर चार सदस्यों वाली SIT बनाई है, जिन्होंने एक स्वतंत्र जांच की जरूरत पर जोर दिया था. SIT में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पीयूष पांडे, जावेद शमीम, सुप्रतिम सरकार और मुरलीधर शामिल हैं.
बिस्वास का नहीं आया सार्वजनिक बयान नहीं
बिस्वास ने बार-बार इस मामले पर संपर्क करने की कोशिश की और फोन कॉल एवं संदेश भेजे गए लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मुख्यमंत्री कार्यालय से भी इस बात की तत्काल कोई पुष्टि नहीं हुई कि इस्तीफे का अनुरोध स्वीकार किया गया है या नहीं। तृणमूल के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी बिस्वास ने इस मामले पर अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।
बीजेपी का मैसी के मुंबई टूर का वीडियो पोस्ट कर तंज
उधर, कोलकाता में फुलबॉलर के कार्यक्रम में हंगामे पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। बाद में बीजेपी ने मैसी के मुंबई टूर का वीडियो पोस्ट कर तंज कसा था। दरअसल मुंबई वाले कार्यक्रम में मैसी के प्रशंसक काफी खुश थे। सोशल मीडिया पर कहा गया कि बंगाल पुलिस को मुंबई पुलिस से सीखना चाहिए।

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