दुर्ग।
भिलाई के छावनी क्षेत्र में एक गर्भवती महिला की मौत का मामला सामने आया है. शहर के करुणा अस्पताल में इलाज के दौरान गर्भवती महिला की मौत हो गई. महिला की मौत पर परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है और जांच की मांग की है. बताया जा रहा है कि 32 वर्षीय गर्भवती महिला वंदना वैष्णव आठ महीने की गर्भवती थी और रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल पहुंची थी. अस्पताल में डॉक्टरों ने जांच के दौरान पाया कि उनकी बच्चेदानी का मुंह खुल गया है, जिसके बाद ऑपरेशन की तैयारी की गई.
ऑपरेशन से पहले महिला डॉक्टर ने उन्हें एक इंजेक्शन लगाया, जिसके तुरंत बाद वंदना को अत्यधिक रक्तस्राव (ब्लीडिंग) शुरू हो गया. ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत हो गई. वंदना के परिवार ने अस्पताल की महिला डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिवार का कहना है कि 11 साल बाद गर्भवती होने के बाद उनकी खुशियों पर अचानक हादसा मातम में बदल गया. वंदना की नवजात बच्ची को जन्म के तुरंत बाद सांस लेने में तकलीफ होने के कारण स्पर्श अस्पताल में रेफर किया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है.
परिजनों का आरोप
मृतिका के पति विजय वैष्णव ने करुणा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल का कहना है कि बच्चेदानी का मुंह खुल गया है तो उसके लिए फिर ऑपरेशन कराएं बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो बोलकर स्पर्श हॉस्पिटल ले गए और पत्नी की डेथ हो गई. अब यह डेथ नॉर्मल है. कैसा है, यह समझ में नहीं आ रहा. इसलिए हम पोस्टमार्टम करवाना चाह रहे हैं. अगर लापरवाही हुई होगी तो पोस्टमार्टम से पता चलेगा.
डॉक्टर का पक्ष
करुणा हॉस्पिटल की गायनिकोलॉजिस्ट डॉ. सोनल देवांगन ने बताया कि वंदना के गर्भाशय का मुंह खुलने के कारण ऑपरेशन करना जरूरी था. ऑपरेशन के दौरान वंदना का सैचुरेशन कम होने लगा, जिसके चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया. डॉक्टर ने बताया कि वंदना को डीआईसी (डिसेमिनेटेड इंट्रावस्कुलर कोएगुलेशन) जैसी गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी मौत हो गई.

More Stories
21 नक्सलियों के आत्मसमर्पण का गृह मंत्री विजय शर्मा ने किया स्वागत, कहा- निर्धारित समय तक समाप्त होगा नक्सलवाद
रानीदाह जलप्रपात: छत्तीसगढ़ के जंगलों में छिपा अनदेखा स्वर्ग
‘किसान हैं विकसित भारत की रीढ़, तिलहन उत्पादन से बढ़ेगी आत्मनिर्भरता’ : मंत्री टंक राम वर्मा