
कोलकाता
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत अगले महीने 10 दिनों के लिए पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे। यह यात्रा नौ फरवरी से शुरू होकर 16 फरवरी तक चलेगी। इस दौरान वे संघ के अन्य शीर्ष पदाधिकारियों के साथ राज्य के विभिन्न हिस्सों में संगठन की गतिविधियों की समीक्षा करेंगे।
भागवत के साथ आरएसएस के सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले सहित आठ वरिष्ठ पदाधिकारी भी होंगे। यह पहली बार है जब इतने बड़े स्तर पर आरएसएस के शीर्ष नेता एक साथ बंगाल का दौरा करेंगे, जिससे आगामी विधानसभा चुनावों से पहले संघ की राज्य में बढ़ती सक्रियता स्पष्ट होती है।
मुख्य रूप से उनके दौरे को तीन हिस्से में बांटा गया है –
दक्षिणी बंगाल (9-11 फरवरी): यात्रा के पहले तीन दिनों में दक्षिण बंगाल के जिलों में संघ की गतिविधियों पर फोकस रहेगा। बर्दवान सत्र (11-16 फरवरी): इसके बाद भागवत और अन्य पदाधिकारी पूर्व बर्दवान जिले में मध्य बंगाल के जिलों में संगठन के कामकाज की समीक्षा करेंगे। इसमें जनजातीय बहुल इलाकों में विशेष ध्यान दिया जाएगा।
सार्वजनिक रैली (16 फरवरी): दौरे का समापन बर्दवान में एक सार्वजनिक रैली के साथ होगा। हालांकि, आरएसएस ने इस दौरे को एक नियमित संगठनात्मक यात्रा बताया है, लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञ इसे काफी महत्वपूर्ण मान रहे हैं। पड़ोसी बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा और इसका पश्चिम बंगाल पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए यह दौरा और भी प्रासंगिक है।
More Stories
राहुल गांधी के बयान पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: पूछा– कैसे पता चला कि चीन ने जमीन कब्जाई?
इज़रायल ने भारत को दिया GATR रॉकेट का ऑर्डर, 10 किमी रेंज वाला मिनी ब्रह्मास्त्र
अनंतनाग में खुदाई के दौरान निकलीं ‘हिंदू मूर्तियां’, 2000 साल पुरानी होने का अनुमान