
आजीविका मिशन से मिली अभिलाषा पटेल को आत्मनिर्भरता की उड़ान
टेंट हाउस का व्यवसाय शुरू कर अभिलाषा बनीं लखपति दीदी
भोपाल
छतरपुर जिले के लवकुशनगर विकासखंड के ग्राम अमहापुरवा की श्रीमती अभिलाषा पटेल ने मध्यप्रदेश आजीविका मिशन और अटइयाबाबा स्व-सहायता समूह के सहयोग से आर्थिक तंगी को पीछे छोड़कर आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की। पहले पारंपरिक कृषि पर निर्भर अभिलाषा और उनके पति अखलेश को कम आय से परिवार चलाना मुश्किल था। लेकिन उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के संकल्प को साकार करते हुए “लखपति दीदी” बना दिया।
अगस्त 2017 में अभिलाषा अटइयाबाबा स्व-सहायता समूह की सदस्य बनीं। समूह से 12,000 रुपये का ऋण लेकर उन्होंने किराना दुकान शुरू की। वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कुछ और काम या व्यवसाय भी करना चाहती थीं।गांव में आयोजित समारोह में टेंट की कमी को अवसर मानकर उन्होंने पति के साथ टेंट हाउस खोलने का फैसला लिया। समूह से 1,50,000 रुपये का सीसीएल ऋण, किराना दुकान की बचत और घरेलू संसाधनों से उन्होंने यह व्यवसाय शुरू किया।
आजीविका मिशन से चक्रीय कोष (1,500 रुपये), सामुदायिक निवेश निधि (40,000 रुपये), बैंक लिंकेज (15,000 रुपये) और उत्पादक समूह पूंजी (1,20,000 रुपये) की सहायता मिली। प्रशिक्षण ने उनकी उद्यमिता को निखारा। पहले 5,000 से 6,000 रुपये मासिक कमाने वाली अभिलाषा की आय अब 15,000 से 18,000 रुपये हो गई है।
समूह की अध्यक्ष अभिलाषा की टेंट हाउस और किराना दुकान ने गांव की जरूरतें पूरी कीं और परिवार को समृद्ध बनाया। उनकी सफलता ने अन्य महिलाओं को प्रेरित किया। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लखपति दीदियों को प्रोत्साहित करते हुए उनके प्रयासों की निरंतर सराहना कर रहे है। अभिलाषा की कहानी दर्शाती है कि मेहनत, मार्गदर्शन और सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। वे आज अपने क्षेत्र की महिलाओं के लिए एक आदर्श बनी है।
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