नई दिल्ली
इंडिगो की उड़ानों में जारी संकट के बीच उड्डयन मंत्रालय ने यात्रियों को राहत देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने सभी प्रभावित रूटों पर फेयर कैप (Fare Cap) लागू कर दिया है, ताकि एअरलाइंस अत्यधिक किराया वसूल न कर सकें और संकट में फंसे यात्रियों का शोषण न हो।
संकट की वजह
इंडिगो की कई उड़ानें हाल ही में परिचालन गड़बड़ियों के कारण रद्द या देर से चल रही हैं। इससे यात्रियों की मांग बढ़ गई है और कुछ एयरलाइंस ने इस अवसर का फायदा उठाकर किरायों में अत्यधिक वृद्धि कर दी।
मंत्रालय की कड़ी कार्रवाई
उड्डयन मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि किसी भी परिस्थिति में यात्रियों से मनमानी या अवसरवादी तरीके से किराया वसूलना सख्त मना है। सभी प्रभावित रूटों पर अधिकतम किराया तय कर दिया गया है, जिसे फेयर कैप कहा जाता है। एयरलाइंस को बिना किसी अपवाद के इस सीमा का पालन करना होगा। यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी जब तक स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाती।
उद्देश्य और निगरानी
मंत्रालय का उद्देश्य मार्केट में मूल्य अनुशासन बनाए रखना और संकट में फंसे यात्रियों को राहत देना है। खासकर वरिष्ठ नागरिक, छात्र और मरीजों जैसे यात्रियों को अत्यधिक आर्थिक बोझ में नहीं डाला जाएगा। मंत्रालय रियल टाइम डेटा के जरिए किरायों की निगरानी कर रहा है और एयरलाइंस तथा ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स के साथ लगातार समन्वय किया जा रहा है।
मंत्रालय की कड़ी चेतावनी
मंत्रालय ने कहा कि तय मानकों का उल्लंघन होने पर तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी। यात्रियों से अपील की गई है कि वे अपनी उड़ान से पहले किराया और रूट की स्थिति की जांच करें। यह कदम संकटग्रस्त यात्रियों को तुरंत राहत देने और एयरलाइंस के मनमाने शुल्क वसूलने को रोकने के लिए उठाया गया है।

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