
नई दिल्ली
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाजों में शुमार माइकल क्लार्क को स्किन कैंसर (त्वचा कैंसर) का पता चला है. 44 साल के क्लार्क ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी सेहत को लेकर जानकारी साझा की और लोगों से नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराने की अपील की.
क्लार्क ने इंस्टाग्राम पर लिखा
'स्किन कैंसर वास्तविक है! खासकर ऑस्ट्रेलिया में. आज मेरी नाक से एक और कैंसर वाली गांठ निकाली गई. यह एक फ्रेंडली रिमाइंडर है कि आप अपनी त्वचा की जांच कराते रहें. इलाज से बेहतर है बचाव, लेकिन मेरे मामले में नियमित जांच और शुरुआती पहचान ही सबसे अहम है. शुक्रगुजार हूं कि डॉ. बिश सोलिमान ने इसे समय रहते पकड़ लिया.'
माइकल क्लार्क का स्किन कैंसर से सामना नया नहीं है. उन्हें पहली बार 2006 में स्किन कैंसर का पता चला था. इसके बाद 2019 में तीन नॉन-मेलेनोमा लीजन की भी पहचान हुई थी. उस समय भी क्लार्क ने लोगों से अपील की थी कि वे धूप से बचाव के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें और अपनी त्वचा की नियमित जांच कराते रहें.
क्लार्क का शानदार करियर
अपनी शानदार बल्लेबाजी और शानदार स्किल लिए मशहूर क्लार्क ने 2003 से 2015 तक ऑस्ट्रेलिया के लिए 115 टेस्ट (8643 रन), 245 वनडे (7981 रन) और 34 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच (488 रन) खेले. उन्होंने टेस्ट और वनडे और टी20 तीनों फॉर्मेट में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी की.
क्लार्क ने 47 टेस्ट (24 जीत, 16 हार), 74 वनडे और 18 टी20 में ऑस्ट्रेलिया की अगुवाई की. उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने 2015 का वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया. आक्रामक रणनीति और जुझारू स्वभाव ने उन्हें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों की सूची में शामिल किया.
स्किन कैंसर क्यों होता है?
स्किन कैंसर असामान्य त्वचा कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है. इसका मुख्य कारण सूर्य की अल्ट्रावायलेट (UV) किरणें या टैनिंग बेड का ज्यादा इस्तेमाल है. यह दुनिया में सबसे आम कैंसर है, जिसमें शुरुआती पहचान और इलाज बेहद जरूरी है.
ऑस्ट्रेलिया में स्किन कैंसर की स्थिति
ऑस्ट्रेलिया दुनिया में स्किन कैंसर के सबसे ज्यादा मामलों वाला देश है. इसका कारण है – यहां का उच्च UV स्तर, भूमध्य रेखा के करीब होना और गोरे रंग की आबादी. आंकड़ों के मुताबिक, 70 साल की उम्र तक पहुंचने से पहले हर 3 में से 2 ऑस्ट्रेलियाई किसी न किसी रूप में स्किन कैंसर से प्रभावित होते हैं.
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