
भोपाल
सुभाष नगर से एम्स तक 90 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से मेट्रो रेल को दौड़ाया जा रहा है। यह परीक्षण पिछले तीन दिन से तीन से चार घंटे तक किया जा रहा है, जिसके तहत 10 से 15 फेरे लगाए जा रहे हैं। इसी बीच एम्स, अलकापुरी और डीआरएम ऑफिस स्टेशन पर आवागमन सहित अन्य काम किए जा रहे हैं।
दरअसल, आरडीएसओ (रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन) की टीम भोपाल मेट्रो की तकनीकी जांच करने इसी महीने आ सकती है। इसके लिए सभी जरूरी दस्तावेज पहले ही जमा किए जा चुके हैं। यह टीम रेलवे से जुड़ी है और लखनऊ से आएगी। इसकी अनुमति के बाद सीएमआरएस (आयुक्त मेट्रो रेल सेफ्टी) की टीम अंतिम निरीक्षण करेगी। इस टीम द्वारा रिपोर्ट मिलने के बाद ही भोपाल मेट्रो में यात्रियों की आवाजाही शुरू हो सकेगी।
सितंबर तक तय की डेटलाइन
बता दें कि परीक्षण के दौरान एक्सपर्ट ट्रैक, उसकी फिटनेस, अधिकतम स्पीड, सिग्नल, ब्रेकिंग सिस्टम आदि पैमाने पर जांच कर रहे हैं। मेट्रो कारपोरेशन ने सभी काम को खत्म करने की डेटलाइन सितंबर तक तय की है। इसके बाद अक्टूबर या नवंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मेट्रो की शुरुआत कर सकते हैं। वर्ष 2018 में शुरू हुआ था काम भोपाल में मेट्रो का पहला मार्ग एम्स से करोंद तक 16.05 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 6.22 किमी एम्स से सुभाष नगर के बीच का काम प्रायोरिटी कारिडोर के रूप में 2018 में शुरू हुआ था।
सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक काम पूरा
सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक काम पूरा हो गया है। इसके आगे अलकापुरी, एम्स और डीआरएम मेट्रो स्टेशन तक ट्रैक का काम हो चुका है और मेट्रो यहां तक पहुंच चुकी है। वहीं, दोनों स्टील ब्रिज की लोड टेस्टिंग भी की जा चुकी है। तीन अक्टूबर 2023 को भोपाल में पहली बार मेट्रो ट्रैक पर दौड़ी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाषनगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया था। इसके बाद से ही लगातार परीक्षण किया जा रहा है।
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