
असम
असम के बोडोलैंड छठी अनुसूची क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी ऊहापोह की स्थिति में नजर आ रही है। इस दुविधा की वजह सितंबर में होने वाला संभावित परिषद चुनाव है। इन चुनावों के लिए पार्टी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह आगामी चुनाव अकेले दम लड़ेगी। भाजपा के साथ दिक्कत यह है कि वह वर्तमान में क्षेत्रीय पार्टी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (UPPL) के साथ परिषद में गठबंधन में है और इस समय पर परिषद में यूपीपीएल ही बढ़त में है। इसके अलावा परिषद में विपक्ष में बैठी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट(BPF) असम विधानसभा में एनडीए सरकार की सहयोगी है। अब सत्ता का समीकरण इस कदर बदला है कि भाजपा के अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करने के बाद UPPL और BPF आपस में गठबंधन करने के लिए बातचीत कर रही है।
गौरतलब है कि असम में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। उन चुनावों से पहले बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (BTR) की 40 सीटों पर होने वाला यह चुनाव आखिरी है। ऐसे में सभी पार्टियां इसमें अपना दबदबा कायम रखना चाहेंगी। भले ही अभी परिषद चुनावों की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पिछले कुछ हफ्तों से लगातार बोडोलैंड में सभाएं कर रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए सरमा ने कहा कि वह इस क्षेत्र की जनता की नब्ज को टटोल रहे हैं। बीटीआर में शांति स्थापित करना भारतीय जनता पार्टी की एनडीए सरकार की सबसे बड़ी कामयाबी है। उन्होंने कहा, "जब से दिल्ली और दिसपुर में भाजपा की सरकार बनी है, तब से गोलियों से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।"
गौरतलब है कि इससे पहले 2020 में हुए परिषद चुनावों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। तब बीपीएफ 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। लेकिन भाजपा और यूपीपीएल ने गण सुरक्षा पार्टी के साथ गठबंधन बनाकर परिषद में सरकार बनाई थी। यहाँ पर कांग्रेस का भी एक सदस्य जीतकर आया था लेकिन बाद में वह पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गया।
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