नईदिल्ली
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 22 सितंबर से लागू हुए जीएसटी सुधारों से घरेलू ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को काफी फायदा हुआ है और गाड़ियों की बिक्री दोगुनी होकर 7 लाख यूनिट्स तक पहुंच गई है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि बाजार के जानकारों का कहना है कि 22 सितंबर से जीएसटी लागू होने के बाद से दीपावली तक पूरी वाहन इंडस्ट्री की रिटेल बिक्री 6,50,000 से 7,00,000 यूनिट्स के बीच रही है।
उन्होंने एक मीडिया आर्टिकल को पोस्ट करते हुए लिखा, एक महीने पहले लागू हुए जीएसटी 2.0 से ऑटो इंडस्ट्री को काफी बढ़ावा मिला है और कारों की बिक्री दोगुनी से भी अधिक होकर 6,50,000 से 7,00,000 यूनिट्स तक पहुंच गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि दीपावली की खरीदारी के दौरान ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर भी मांग में तेज वृद्धि दर्ज की गई। इसमें प्रीमियम उत्पादों और इंस्टेंट डिलीवरी सर्विसेज ने ग्रोथ को बढ़ाने का काम किया। त्योहारी खर्च बड़े शहरों से आगे छोटे शहरों में भी दिखाई दिया।
जीएसटी में कटौती और त्योहारी मांग के कारण कंपनियों ने बिक्री के रिकॉर्ड आंकड़े पेश किए हैं। टाटा मोटर्स ने कहा कि उसने नवरात्रि से लेकर दीपावली तक के 30 दिनों के दौरान एक लाख से अधिक गाड़ियों की डिलीवरी दी है। इस दौरान कंपनी की बिक्री में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है।
फेस्टिव सीजन में बेच डाली 4.50 लाख कारें; विदेश में भी बढ़ी डिमांड
नवरात्रि से लेकर दिवाली तक ऑटोमोबाइल कंपनियों ने बिक्री में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की, जिसमें देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) ने सबसे आगे रहकर झंडा गाड़ दिया। मारुति सुजुकी ने इस फेस्टिव सीजन में कुल 3.25 लाख वाहनों की रिटेल बिक्री (Retail Sales) की और लगभग 4.50 लाख गाड़ियों की बुकिंग दर्ज की। इन आंकड़ों ने साबित कर दिया कि भारतीय ग्राहक नई गाड़ी खरीदने के लिए किस कदर उत्सुक थे।
कार बिक्री में इस ऐतिहासिक वृद्धि के पीछे दो प्रमुख कारक थे, जिन्होंने एक आदर्श माहौल बनाया।
जीएसटी 2.0 सुधारों के तहत कारों पर टैक्स दरों में कमी आने से कई लोकप्रिय मॉडलों की कीमतें घट गईं। इससे जो ग्राहक पहले खरीदी टाल रहे थे, उत्साह के साथ शोरूम पहुंचे और जमकर खरीदारी की।
कंपनियों और बैंकों द्वारा दिए गए आकर्षक लोन और फाइनेंस विकल्पों ने भी खरीदारों के लिए कार खरीदना आसान बना दिया।
अनुमान बताते हैं कि नवरात्रि से दिवाली के बीच बिक्री में पिछले साल की तुलना में 15 से 35 प्रतिशत तक की तेज उछाल आई है। एसयूवी (SUV) और इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की डिमांड खास तौर पर जोरदार रही।
| कंपनी | रिटेल बिक्री (Navratri-Diwali) | सालाना वृद्धि (YoY) | खास बात |
|---|---|---|---|
| मारुति सुजुकी | 3.25 लाख यूनिट्स | 50% से अधिक | 4.50 लाख बुकिंग का रिकॉर्ड। |
| टाटा मोटर्स | 1 लाख यूनिट से ज्यादा | ~33% | अकेले धनतेरस पर रिकॉर्ड डिलीवरी। |
| हुंडई | लगभग 75,000 यूनिट | ~30% | डेली डिलीवरी औसतन 2,500 यूनिट। |
टाटा मोटर्स के लिए यह सीजन अभूतपूर्व रहा। कंपनी ने 1 लाख से ज्यादा गाड़ियों की डिलीवरी दी, जिसमें से एसयूवी ने मुख्य भूमिका निभाई।
नेक्सन (Nexon): 38,000 यूनिट्स से अधिक बिकी, जिसमें 73% YoY वृद्धि हुई।
पंच (Punch): लगभग 32,000 यूनिट्स बिकी, 29% YoY वृद्धि दर्ज की गई।
इलेक्ट्रिक वाहन (EVs): टाटा के ईवी पोर्टफोलियो ने 10,000 से ज्यादा डिलीवरी दी, जो दिखाता है कि भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक कारों के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है।
सिर्फ धनतेरस के एक दिन में 51,000 से ज्यादा गाड़ियों ने नए मालिकों का घर सजाया, जो एक दिन की बिक्री का नया रिकॉर्ड है।
बेशक कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि केवल 'पुल-फॉरवर्ड डिमांड' (यानी जिन ग्राहकों ने पहले खरीदना टाल दिया था, उन्होंने अब ख़रीदा है) का परिणाम हो सकती है, लेकिन यह आंकड़े बाजार के लिए एक बड़ा सकारात्मक संकेत है। इस बड़ी बिक्री ने ऑटोमोबाइल कंपनियों को वित्त वर्ष के शेष महीनों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान किया है।
इस 'फेस्टिव बोनांजा' में सिर्फ मारुति ही नहीं, बल्कि अन्य बड़ी कंपनियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया है।
मारुति सुजुकी की भी पॉजिशन मजबूत रही है और कंपनी ने मार्केट लीडर का खिताब बनाए रखा है।
इंडस्ट्री बॉडी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक, जीएसटी दरों में कटौती और स्थानीय या स्वदेशी उत्पादों की जोरदार मांग के चलते, 2025 में दीपावली की बिक्री रिकॉर्ड 6.05 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। दीपावली पर व्यापार में आई तेजी से लॉजिस्टिक्स, परिवहन, खुदरा सहायता, पैकेजिंग और डिलीवरी जैसे क्षेत्रों में लगभग 50 लाख लोगों के लिए अस्थायी रोजगार पैदा होने का अनुमान है।

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