नई दिल्ली
डिजिटल मंचों ने भारतीय व्यवसायों के लिए नए रास्ते खोल दिए हैं। यही वजह है कि भारत में डिजिटल मार्केटिंग एक बड़े उद्योग क्षेत्र के रूप में उभर रहा है। विश्लेषण बताते हैं कि 2026 -2035 के बीच करीब 30 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ यह बाजार 8,45,000 करोड़ रुपये के मूल्य तक पहुंच सकता है। लगातार बढ़ती इंटरनेट की पहुंच, 5जी नेटवर्क और रिटेल-मीडिया नेटवर्क इस विस्तार को गति दे रहे हैं। बीते वित्त वर्ष में डिजिटल विज्ञापन पर भारत में लगभग 40,800 करोड़ रुपये खर्च किए गए। डिजिटल मार्केटिंग के व्यापक होते संसार का यह स्पष्ट संकेत है। अधिक से अधिक ग्राहकों तक पहुंचने के लिए कंपनियां अब सोशल मीडिया, सर्च इंजन और ई‑कॉमर्स के मंचों पर तेजी से सक्रिय हो रही हैं। एआई मार्केटिंग और एसईओ 2.0 जैसे नए स्किल उभर रहे हैं। डिजिटल मार्केटिंग के नए कौशल सीखने वाले युवाओं के लिए संभावनाएं असीम हैं। युवा इन मौकों तक कैसे पहुंचें, बता रही हैं श्वेता राकेश
क्या होगा काम
समय का अभाव, विकल्पों की भरमार और तेज डिलिवरी की सुविधा ने डिजिटल मार्केटिंग को बढ़ावा दिया है। यूजर द्वारा ज्यादा उपयोग किए जाने वाले एप्स, जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम डिजिटल मार्केटिंग के बड़े विकल्प बन गए हैं।
डिजिटल मार्केटिंग में डिप्लोमा कर रहीं खुशी कुमारी कहती हैं, ‘इस कोर्स के माध्यम से सोशल मीडिया पर प्रभावशाली पोस्ट बनाना, सही हैशटैग और कंटेंट रणनीति अपनाना, पोस्ट का सही समय समझना, यूजर का रुझान बढ़ाना और ब्रांड के लिए सहयोग बढ़ाना सिखाया जाता है।’
उत्पाद को भरोसेमंद बनाने के लिए डाटा एनालिसिस करके उसकी चुनौतियों को नियंत्रित करना जरूरी है। इस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो वेबसाइट बनाना और उससे जुड़े नियम-कानून समझना काम आएगा। इस तरह खुद के स्टार्टअप से उत्पाद सीधे बेचना आसान हो जाता है।
कैसे करें शुरुआत
इस क्षेत्र की अच्छी बात यह है कि किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास छात्र या ग्रेजुएशन कर रहे विद्यार्थी यह कोर्स कर सकते हैं। कंप्यूटर और इंटरनेट का ज्ञान, सोशल मीडिया की समझ और रचनात्मक सोच इसके लिए पर्याप्त कौशल हैं। कंटेंट हिंदी या अंग्रेजी में समझने की क्षमता भी जरूरी है। बीबीए, बीसीए, बीकॉम जैसी डिग्री के साथ सहायक कोर्स के रूप में भी कर सकते हैं, क्योंकि यह तकनीकी और रणनीतिक कौशल देता है। वहीं, एमबीए या एमएससी के साथ इसे स्पेशलाइजेशन के रूप में चुन सकते हैं। बीए (आर्ट्स) के छात्रों के लिए यह कंटेंट क्रिएशन और प्रभावी कम्युनिकेशन स्किल्स निखारने में मदद करता है।
अपस्किलिंग के लिए
गूगल डिजिटल गैरेज, मेटा ब्लूप्रिंट और हबस्पॉट एकेडमी जैसे फ्री प्लेटफॉर्म शुरुआत में सीखने के लिए उपयोगी हैं। कोर्सेरा, आईआईडी और सिंप्लीलर्न जैसे प्रीमियम मंचों के कोर्स गहरी समझ और करियर के गुर सिखाएंगे। ये प्लेटफॉर्म एसईओ, सोशल मीडिया, कंटेंट मार्केटिंग और डाटा एनालिटिक्स जैसे कौशल सिखाते हैं और मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट देते हैं। उडेमी और यूट्यूब पर कम बजट में प्रैक्टिकल सीखना भी संभव है। फ्रीलांसिंग, इंटर्नशिप या खुद की वेबसाइट/ सोशल मीडिया पेज बनाकर व्यावहारिक अनुभव बढ़ा सकते हैं।
नए ट्रेंड्स जानें
नए डिजिटल मार्केटिंग ट्रेंड्स ग्राहकों से जुड़ने के बेहतर और असरदार तरीके के नए तौर-तरीके होते हैं। इन दिनों उभरते प्रमुख ट्रेंड्स हैं:
एआई पावर्ड पर्सनलाइजेशन: प्रत्येक ग्राहक के अनुभव को कस्टमाइज करने के लिए एआई टूल्स का कौशल।
वॉइस सर्च: एलेक्सा और गूगल असिस्टेंट जैसे मंचों के लिए कंटेंट, वेबसाइट और डेटा को ऐसे तैयार करना कि वे आसानी से इसे समझें और यूजर को सही जवाब दें।
एआर/वीआर अनुभव: उत्पाद या सेवा से संबंधित अनुभवों को यूजर के लिए वास्तविक जैसा बनाने का कौशल।
शॉर्ट-फॉर्म वीडियो: टिक-टॉक, रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स पर लोकप्रिय हैं। इसी तरह इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग, डाटा प्राइवेसी से संबंधित कौशल भी ट्रेंड्स में हैं।
एसईओ, डाटा एनालिटिक्स जरूरी
कुछ तकनीकी कौशल, जैसे एसईओ/एसईएम टूल्स, पीपीसी कैंपेन, वेबसाइट मैनेजमेंट और डाटा एनालिटिक्स का ज्ञान जरूरी है। साथ ही, प्रबंधन कौशल जैसे प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, टीम के साथ काम करना, रणनीति बनाना और परिणाम रिपोर्ट करना भी बहुत मायने रखते हैं।
क्या होंगी एंट्री-लेवल भूमिकाएं
इंटर्न, एसईओ असिस्टेंट, सोशल मीडिया एक्जिक्यूटिव, कंटेंट राइटर जैसी भूमिकाओं से शुरुआत होती है। यहां डिजिटल मार्केटिंग से संबंधित टूल्स, कैंपेन और आधारभूत रणनीति की समझ बनती है। अनुभव के आधार पर एसईओ स्पेशलिस्ट, कंटेंट स्ट्रैटेजिस्ट या डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर, ईमेल मार्केटिंग स्पेशलिस्ट, डाटा एनालिस्ट, वेब मैनेजर या डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर जैसे वरिष्ठ पदों तक पहुंच सकते हैं।
किन क्षेत्रों में मांग
डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञों की मांग उन उद्योगों में सबसे ज्यादा है, जो ऑनलाइन ग्राहक से जुड़ाव, ब्रांड की उपस्थिति और कंटेंट प्रमोशन पर निर्भर हैं, जैसे एडटेक, हेल्थकेयर, हॉस्पिटैलिटी, ट्रैवल, मीडिया, एंटरटेनमेंट, स्टार्टअप्स और छोटे व मध्यम व्यवसाय। हर इंडस्ट्री में जरूरी कौशल अलग होते हैं-हेल्थकेयर में डेटा और कंटेंट, एडटेक में एसईओ और सोशल मीडिया, और ट्रैवल में सोशल मीडिया के साथ ऑफर और प्रमोशन रणनीतियां महत्वपूर्ण हैं।
वेतन कितना होगा
इंटर्न, एसईओ असिस्टेंट, कंटेंट राइटर या सोशल मीडिया एक्जीक्यूटिव पदों पर शुरुआती वेतन 18,000 से 30,000 रुपये प्रति माह तक हो सकता है। 1-3 साल के अनुभव के बाद एसईओ स्पेशलिस्ट, पीपीसी एक्सपर्ट, कंटेंट स्ट्रैटेजिस्ट, सोशल मीडिया मैनेजर जैसे पदों पर 40 से 70,000 रुपये प्रति माह तक आय हो सकती है। डाटा एनालिटिक्स कौशल और वरिष्ठता के साथ यह प्रतिमाह 80, 000 रुपये तक जा सकता है।

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