
नई दिल्ली
UPI से अब पैसे भेजना और लेना आज से और भी तेज हो जाएगा. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 26 अप्रैल 2025 को कहा कि वे यूपीआई के रिस्पॉन्स टाइम को कम कर रहे हैं. इससे बैंक और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (जैसे फोनपे, गूगल पे, पेटीएम) को फायदा होगा. NPCI ने 26 अप्रैल को अपने एक सर्कुलर में कहा था कि 16 जून से UPI से लेनदेन करना और भी तेज हो जाएगा. ऐसे में यूजर्स को एक शानदार एक्सपीरियंस मिलेगा. आइए विस्तार से जानते है.
यूपीआई API | मौजूदा समय (सेकंड) | नया समय (सेकंड) |
---|---|---|
रिक्वेस्ट पे, डेबिट और क्रेडिट | 30 सेकंड | 15 सेकंड |
चेक ट्रांजेक्शन स्टेटस | 30 सेकंड | 10 सेकंड |
ट्रांजेक्शन रिवर्सल (डेबिट और क्रेडिट) | 30 सेकंड | 10 सेकंड |
वैलिडेट एड्रेस (पे, कलेक्ट) | 15 सेकंड | 10 सेकंड |
जुलाई के बाद नए नियम
NPCI के 21 मई 2025 के सर्कुलर के मुताबिक, अगस्त से यूपीआई में और बदलाव आएंगे. बैंक और PSP को यह सुनिश्चित करना होगा कि यूपीआई के API रिक्वेस्ट (ट्रांजेक्शन की स्पीड और मात्रा) को ठीक से मैनेज किया जाए. क्या-क्या बदलेगा?
बैलेंस चेक: हर यूजर दिन में 50 बार यूपीआई ऐप से बैलेंस चेक कर सकेगा.
लिस्ट अकाउंट: आप अपने मोबाइल से लिंक अकाउंट्स की लिस्ट देख सकते हैं.
ऑटो-पेमेंट: ऑटो-पेमेंट के लिए हर मैनडेट (पेमेंट शेड्यूल) के लिए 1 कोशिश और 3 रीट्राई मिलेंगी. ये कोशिशें नॉन-पीक आवर्स में होंगी. पीक आवर्स (जब सबसे ज्यादा ट्रांजेक्शन होते हैं).
NPCI ने दिए आदेश: NPCI ने कहा कि सभी बैंकों और पार्टनर्स को 31 जुलाई 2025 तक ये बदलाव लागू करने होंगे.
क्यों हो रहा है बदलाव?
यूपीआई भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला डिजिटल पेमेंट सिस्टम है. NPCI यूजर्स का अनुभव बेहतर करना चाहता है. इसके लिए बैंक और PSP को अपने सिस्टम अपडेट करने होंगे ताकि ट्रांजेक्शन तेज हों और कोई दिक्कत न आए. 16 जून 2025 से यूपीआई और तेज होगा. इससे पेमेंट करना और आसान हो जाएगा.
इतने रुपये तक कर सकते हैं पेमेंट
यूपीआई ऐप जैसे फोन पे, गूगल पे और पेटीएम के जरिए आप 2 लाख रुपये एकमुश्त या किस्तों में लेन-देन कर सकते हैं। यूपीआई ऐप आने के बाद अब पेमेंट करना और आसान हो गया है। पेमेंट के लिए आपको अब कैश की जरूरत नहीं पड़ती।
आज हर छोटी-बड़ी दुकान में आपको यूपीआई पेमेंट सर्विस उपलब्ध है। हालांकि पेमेंट डिजटलाइज होने के साथ-साथ धोखाधड़ी का खतरा उतना भी बड़ गया है। साइबर अपराधी से बचने के लिए जरूरी है कि आप किसी भी यूपीआई ऐप के जरिए पेमेंट करते वक्त सावधानी बरते।
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