
रायपुर
अलग अलग स्थानों पर सक्रिय मौसम प्रणालियों के असर से अगले एक सप्ताह तक छत्तीसगढ़ के अनेक स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा तथा कहीं कहीं स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है।फिलहाल अगले 5 दिनों तक अधिकतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।आज सुबह से कई जिलों में तेज बारिश हो रही हैै। जिसके चलते नौतपा का असर पूरी तरह से खत्म हो गया है। इधर मौसम विभाग ने अगले 7 दिनों तक बारिश के आसार जताए हैं। वहीं कहीं कहीं आकाशीय बिजली गिरने को लेकर लोगों को अलर्ट किया है।
आज मंगलवार को रायपुर में आकाश सामान्यतः मेघमय रहने तथा गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 34 डिग्री सेल्सियस और 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।संभावना है कि 10 से 15 जून के बीच कभी भी प्रदेश में मानसून की एंट्री हो सकती है।इससे पहले इसमें बस्तर, दुर्ग और रायपुर संभाग के जिलों में आंधी-तूफान का सिलसिला जारी रहेगा।
जांजगीर-चांपा और रायगढ़ में जोरदार बारिश
आज सुबह से बारिश के हालत बने हुए हैं। राजधानी रायपुर में सुबह 9 बजे छिटपुट बारिश हुई है। इधर 11 बजते ही जांजगीर चांपा में जोरदार बारिश की खबर आई। इसके बाद रायगढ़ में भी मौसम मेहरबान हो गया और तेज बारिश से उमस भरी गर्मी की छुट्टी हो गई। बारिश के चलते कई जगह जल भराव की स्थिति होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
दुर्ग में भी बारिश का दौर तेज
मानसून की आमद के पहले दुर्ग जिले में हल्की से मध्यम बारिश का दौर तेज हो गया है। सोमवार को भी दुर्ग जिले में सुबह करीब 10 मिनट बारिश हुई। हालांकि दिन का अधिकतम तापमान शनिवार को जो 32 डिग्री पर आ गया था, उसमें बढ़त आ गई और पारा सोमवार को 35.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। हालांकि पारा अभी भी औसत से 7.5 डिग्री की गिरावट पर बना हुआ है, लेकिन उमस से परेशानी बढ़ा दी है।
उधर, रात का न्यूनतम तापमान भी औसत से 7.5 डिग्री की गिरावट पर 22.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। फिलहाल, प्रदेश में सर्वाधिक गर्म जिला 36.9 डिग्री के साथ बिलासपुर है, जबकि दूसरा गर्म जिला दुर्ग है। मौसम विभाग के विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया कि, अगले एक हफ्ते तक छत्तीसगढ़ के अनेक स्थान पर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। मध्य छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में भी बारिश का क्रम अभी जारी रहना संभावित है। न्यूनतम तापमान में दुर्ग प्रदेश में सबसे ठंडा है। अगले पांच दिन अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बहुत अधिक परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।
वर्तमान में सक्रिय है कई मौसम प्रणालियां
दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं। ऊपरी हवा की द्रोणिका अब मराठवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों पर निम्न दवाव वाले क्षेत्र से जुड़े चक्रवाती परिसंचरण से उत्तरी तेलंगाना, दक्षिण छत्तीसगढ़ और दक्षिण ओडिशा होते हुए उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश तक औसत समुद्र तल से 3.1 और 5.3 किमी ऊपर ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुकती है।
मराठवाड़ा और उसके आसपास के इलाकों में एक कम दवाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिसके साथ जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण मध्य-श्रोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है, जो दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। 27 मई के आसपास बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तरी इलाकों में एक कम दवाव का क्षेत्र बनने की संभावना है जिससे बारिश की गतिविधियों में तेजी देखने को मिलेगी।
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