
नई दिल्ली
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये की दूसरी फंड ऑफ फंड्स योजना (एफएफएस) से जुड़ा बड़ा एलान किया है। सरकार के अनुसार, इसका एक बड़ा हिस्सा नये युग की प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन निर्माण जैसे क्षेत्रों के उभरते उद्यमियों को आवंटित किया जा जाएगा।
स्टार्टअप्स की मदद के लिए 2016 की तर्ज पर नई योजना
बजट में सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ एक नई एफएफएस की घोषणा की है। 2016 में भी सरकार ने इसी तरह की योजना शुरू की थी। एक अधिकारी ने कहा, "हम 10,000 करोड़ रुपये के इस फंड का बड़ा हिस्सा नए युग की तकनीक, एआई और मशीन निर्माण के लिए समर्पित करने जा रहे हैं।"
वर्ष 2016 की यह योजना घरेलू उद्यमों में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। इसका संचालन भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की ओर से किया जाता है। इसके तहत भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत एआईएफ (वैकल्पिक निवेश कोष) को पूंजी प्रदान की जाती है, जो बदले में स्टार्टअप्स में निवेश करते हैं।
16 जनवरी 2016 को शुरू की गई थी स्टार्टअप इंडिया पहल
अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि कि सिडबी ही दूसरी योजना का भी प्रबंधन करेगा। नवाचार को बढ़ावा देने और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए देश में एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के इरादे से सरकार ने 16 जनवरी, 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू की थी।
सरकार की पात्रता शर्तों के अनुसार, स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत संस्थाओं को विभाग की ओर से 'स्टार्टअप' के रूप में मान्यता दी जाती है। अब तक 55 से अधिक उद्योगों में 1,50,000 से अधिक संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई है। ये इकाइयां स्टार्टअप इंडिया कार्य योजना के अंतर्गत कर और गैर-कर प्रोत्साहन प्राप्त करने के पात्र हैं।
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