
लखनऊ
मुख्य सचिव के सख्त निर्देश के बावजूद जिलों में अफसर विधायकों के फोन नहीं उठा रहे हैं। उन्हें कॉल बैक भी नहीं करते हैं। शासन द्वारा इसका संज्ञान लेते हुए ऐसा आचरण करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है।
प्रमुख सचिव संसदीय कार्य जेपी सिंह द्वारा सभी अपर मुख्य सचिव, डीजीपी, मंडलायुक्त एवं डीएम को जारी शासनादेश में कहा गया है कि सांसदों एवं विधायकों के प्रति शिष्टाचार, प्रोटोकॉल एवं सौजन्य प्रदर्शन को लेकर विगत वर्षों में कई शासनादेश जारी किए जा चुके हैं। जिनके अनुपालन के लिए मुख्य सचिव द्वारा बीते दिनों वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए निर्देशित भी किया गया था। इसके बावजूद शासन के संज्ञान में आया है कि कुछ जिलों में विभिन्न अधिकारियों द्वारा विधानमंडल के सदस्यों के फोन नहीं उठाए जा रहे हैं और ना ही कॉल बैक की जाती है।
सदस्यों द्वारा यह मामला सदन एवं संसदीय अनुश्रवण समिति की बैठकों में उठाए जाने से शासन के सामने असहज स्थिति उत्पन्न होती है, जो खेदजनक है। उन्होंने निर्देश दिया है कि सदस्यों के फोन नंबर को अधिकारी अपने फोन पर सेव कर लें। कॉल आने पर उसे रिसीव करेंगे। बैठक में होने पर वह कॉल आने पर प्राथमिकता के आधार पर अनुपलब्ध होने का मैसेज भेजेंगे और यथाशीघ्र काॅल बैक करेंगे। सदस्यों द्वारा बताए प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित कर अवगत कराएंगे। इसमें शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवही की जाएगी। उन्होंने इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराने को कहा है।
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