दिन की नींद के दौरान आए सपनों को विकृत मन का दर्शन कहा जाता है। व्यक्ति जब मानसिक दृष्टि से बीमार होता है, तब दिन में स्वप्न देखता है। सपने में ऐसे दृश्यों का कोई महत्व नहीं होता। ये अर्थहीन हैं। वैसे तो व्यक्ति दिन में सपने देखता है और रात को भी। आइए जानें…
रात्रि के समय देखे गए सपनों का फल रात्रि के विभिन्न पहरों या चरणों के अनुसार कहा जाता है, जो इस प्रकार है :-
1. 12 बजे से पूर्व देखा गया स्वप्न मन की विकृति होने के कारण अर्थहीन होता है, अत: भूल जाएं कि इसका कोई फल मिलेगा।
2. 12 से 1 बजे तक-ऐसे सपनों का फल 3 वर्ष के अंतर्गत होता है।
3. 1 से 2 बजे तक-इनका फल 1 वर्ष के बीच प्राप्त होता है।
4. 3 से 4 बजे तक-इन सपनों का फल 6 महीने में मिलता है।
5. 4 से 5 बजे तक-
इस दौरान देखे स्वप्न 3 महीनों में फलदायक हैं।
6. 5 से 6 बजे प्रात:-ऐसे सपनों के फलीभूत होने का समय 1 महीना है।
7. प्रात: आंख खुलने से तुरंत पूर्व के स्वप्नों को दृष्टांत कहा जाता है।
ऐसे सपने भाग्यशाली व्यक्तियों को आते हैं जिनका मन स्वस्थ एवं स्थिर होता है। प्रात: कालीन स्वप्न सीधे रूप में भविष्यवाणी या भावी दर्शन का रूप होते हैं।

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