लखनऊ
उत्तर प्रदेश में इस बार पंचायत चुनाव तय समय पर नहीं होने की पूरी संभावना है, क्योंकि शासन स्तर पर चल रही कवायदों के बीच संकेत मिल रहे हैं कि नगरीय क्षेत्रों की सीमा विस्तार और नए निकायों के गठन के चलते पंचायत चुनाव को फिलहाल टालने की तैयारी चल रही है। दरअसल, नगर विकास विभाग द्वारा 97 नए नगरीय निकायों के गठन और 107 निकायों के सीमा विस्तार की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसको लेकर पंचायतीराज विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर यह स्पष्ट करने को कहा है कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बीच वार्डों का पुनर्गठन किया जाए या इस पर फिलहाल रोक लगाई जाए।
22 जुलाई को भेजे गए इस पत्र पर अभी तक आयोग की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। वहीं, आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य फिलहाल नहीं रोका है। सभी जिलों में अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें जारी हैं। सूत्रों की मानें तो अंतिम निर्णय शासन स्तर पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद ही लिया जाएगा, लेकिन यह बैठक अभी तक नहीं हुई है। इससे पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
इस बीच प्रदेश में विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। अगले साल दिसंबर में स्नातक और शिक्षक क्षेत्र की 11 सीटें रिक्त हो रही हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने एमएलसी चुनाव के लिए मतदान केंद्रों के चयन और मतदाता सूची पुनरीक्षण के निर्देश जारी कर दिए हैं। जहां एक ओर एमएलसी चुनाव की गतिविधियां तेज हो गई हैं, तो वहीं पंचायत चुनाव को लेकर तस्वीर फिलहाल धुंधली है। सीमा विस्तार और नए निकायों के गठन की प्रक्रिया के चलते पंचायत चुनाव आगे खिसकने के पूरे आसार बनते जा रहे हैं।

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