
भोपाल
प्रदेश के ऐसे उद्यमी जो नोडल एजेंसी या अन्य विभाग या प्राधिकारियों को दिए गए स्वप्रमाणीकरण में दी गई शर्तों या वचनबंध का पालन करने में असफल रहता है तो उसे पचास हजार से एक लाख रुपए तक जुर्माना देना पड़ेगा। राज्य शासन ने इसके लिए मध्यप्रदेश निवेश संवर्धन अधिनियम में संशोधन कर दिया है। मध्यप्रदेश निवेश संवर्धन संशोधन अधिनियम 2023 को राज्यपाल की अनुमति मिल गई है और इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है।
इस संशोधन के जरिए स्वप्रमाणीकरण में दी गई शर्तों का पालन करने में असफल रहने वाले उद्यमियों को पहली बार इसमें असफल रहने पर सक्षम अधिकारी द्वारा अधिरोपित की गई जुर्माना राशि जो पचास हजार रुपए तक हो सकती है और दूसरी बार की गई असफलता के लिए ऐसी जुर्माना राशि जो एक लाख रुपए तक हो सकती है देने के लिए उत्तरदायी होगा। इस संशोधन के लागू होने के बाद अब उद्यमियों को वचनबंध या स्वप्रमाणीकरण में दी गई शर्तो का पालन करना जरुरी हो जाएगा। उल्लंघन पर उन्हें जुर्माना अदा करना पड़ेगा।
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