
भोपाल
केंद्र सरकार ने गरीब, जरूरतमंदों के लिए निश्शुल्क स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत योजना शुरू की है। जिसमें हर प्रति वर्ष पांच लाख रूपये तक का उपचार करवाया जा सकता है। लेकिन निजी अस्पतालों ने योजना के नाम पर अवैध वसूली शुरू कर दी है। हाल ही में कनाड़िया क्षेत्र के फिनिक्स अस्पताल से शिकायत मिली है, जांच में आयुष्मान कार्ड धारक मरीज से राशि लेना पाया गया है। लेकिन इस तरह राशि वसूलने का खेल सिर्फ फिनिक्स अस्पताल में ही नहीं बल्कि शहर के कई निजी अस्पतालों में चल रहा है।
सीएम हेल्पलाइन पर हर माह करीब 10 शिकायतें आयुष्मान कार्ड धारकों द्वारा वसूली, इलाज नहीं मिलने, लंबे समय तक भर्ती रखने आदि की आती है। यानि हर वर्ष 100 से अधिक शिकायतें होती है।
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जांच के लिए भी अस्पतालों में जाते हैं। अधिकारियों के मुताबिक इंदौर में 68 निजी अस्पताल और 35 शासकीय अस्पताल जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी शामिल है। यहां आयुष्मान योजना के अंतर्गत मरीजों का उपचार होता है।
मरीजों को स्वस्थ होने के बाद भी नहीं करते डिस्चार्ज
शहर के निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के अंतर्गत सबसे अधिक शिकायत इस संबंध में आती है कि मरीजों को स्वस्थ होने के बाद भी यह डिस्चार्ज नहीं करते हैं। छोटी बीमारी में भी उपचार के लिए मरीजों को लंबे समय तक भर्ती रखा जाता है। ताकि मोटा बिल बनाकर राशि ले सकें। लेकिन इस संबंध में कभी बड़ी कार्रवाई होते हुए नजर नहीं आती है।
निजी अस्पतालों पर हो चुकी कार्रवाई
इससे पहले भी मरीजों से राशि वसूलने, मरीजों को जबरन भर्ती करने सहित आयुष्मान से जुड़ी अन्य गड़बड़ी सामने आ चुकी है। यह गड़बड़ी शहर के बड़े निजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सामने आई थी। जिसकी भोपाल से आई टीम ने जांच की थी और कार्रवाई भी हुई थी।
इंदौर के 68 निजी अस्पतालों आयुष्मान योजना से इलाज।
शहर के 35 शासकीय अस्पताल, प्राथमिक केंद्रों पर योजना से इलाज।
अस्पतालों में आयुष्मान के अप्रुवल के लिए परेशान होते हैं मरीज।
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