
मध्यप्रदेश ग्लोबल स्टार्टअप एक्सचेंज प्रोग्राम-2025
इंदौर
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में विदेशी निवेश और नवाचार को प्रोत्साहन देने के प्रयासों को नया आयाम मिला है। गुजरात इंडस्ट्रियल इंवेस्टमेंट कार्पोरेशन के नेतृत्व एवं एमपीआईडीसी और आईएम ग्लोबल के सहयोग से जर्मनी की पाँच अग्रणी टेक कंपनियों का प्रतिनिधिमंडल "मध्यप्रदेश ग्लोबल स्टार्टअप एक्सचेंज प्रोग्राम-2025" में शामिल हुआ। प्रतिनिधि मंडल 18 से 22 अगस्त तक इंदौर और भोपाल के दौरे पर रहेगा।
प्रतिनिधिमंडल ने इनोवेशन लैब्स का भ्रमण किया, जहाँ उन्होंने एआई, डेटा एनालिटिक्स, आईओटी एवं एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर परियोजनाओं का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया। शुरुआत डिजाइन थिंकिंग वर्कशॉप से हुई, जिसमें नवाचार एवं समस्या समाधान पर गहन चर्चा हुई। जिसमें मध्यप्रदेश एवं वैश्विक उद्यमों ने अपने अभिनव उत्पादों और तकनीकी समाधानों का प्रदर्शन किया तथा अंतर्राराष्ट्रीय विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया। "Collaborating on Product Innovation" पर इंटरैक्टिव राउंडटेबल और द्विपक्षीय बैठकें एमपीआईडीसी में हुईं।
कार्यकारी निदेशक आईएएस हिमांशु प्रजापति एमपीआईडीसी इंदौर ने राउंडटेबल सत्र का नेतृत्व करते हुए कहा कि सरकार अंतरराष्ट्रीय साझेदारी, तकनीकी सहयोग एवं एंटरप्राइज विकास में सक्रिय और प्रेरक भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि आज का दिन मध्यप्रदेश और जर्मनी के प्रमुख AI एवं IoT इनोवेटर्स के बीच साझेदारी की नई शुरुआत का प्रतीक है। प्रजापति ने कहा कि समय अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह स्पष्ट है कि भारत में डेटा का डिजिटलीकरण अभी आरंभिक अवस्था में है, तथा डेटा की पुनरावृत्ति (data duplicity) दीर्घकाल में दक्षता को प्रभावित करती है। इसी कारण भारत आज AI और डेटा-आधारित प्रक्रियाओं के एकीकरण पर विशेष बल दे रहा है। ऐसे समय में आपका भारत आना अत्यंत अवसरपूर्ण है। प्रजापति ने यह भी विशेष रूप से रेखांकित किया कि इंदौर में ऑपरेटिंग कॉस्ट अन्य मेट्रो शहरों की तुलना में कहीं कम है, वहीं शहर की लिवेविलिटी उद्यमियों और निवेशकों को यहाँ काम करने के लिए और भी आकर्षक बनाती है।
प्रजापति ने यह भी उल्लेख किया कि जर्मन कंपनियों द्वारा विकसित अभिनव उत्पाद और भारत चाहे वह सरकार हो अथवा उद्योग की आवश्यकताओं में अद्भुत सामंजस्य एवं संभावित सामंजस्य (synchronization & synergies) निहित है। यही कारण है कि यह दौरा दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इस कार्यक्रम में 50 से अधिक उद्यमियों ने भागीदारी की, जिनमें इंदौर के अग्रणी स्टार्टअप्स भी शामिल रहे। सावन लढ्डा (वर्की) , नीलेश माहेश्वरी (एमोर्फिस टेक्नोलॉजीज), सुपूजा माहेश्वरी (समग्र टेक) और राज सिंह सेंगर (टेक्नोमेंसी) ने अपने इनोवेशन मॉडल्स और तकनीकी समाधानों तथा जर्मन कंपनियों के साथ संभावित सहयोग पर चर्चा की।
जर्मन प्रतिनिधिमंडल की प्रतिक्रिया
प्रतिनिधिमंडल में शामिल Tilers, Halonic, Stax, Q-Connect AG और Cloud Squid जैसी अग्रणी कंपनियों ने इस कार्यक्रम को सकारात्मक और उपयोगी अनुभव बताया। उनके अनुसार भारतीय उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र की गतिशीलता, नवाचार क्षमता और अवसरों की प्रचुरता अत्यंत प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि भारत का उद्यमी माहौल, युवा प्रतिभा और तकनीकी नवाचार उन्हें अत्यधिक प्रभावित किया।
प्रतिनिधिमंडल ने विशेष रूप से इंदौर को नवाचार का उभरता हुआ केंद्र मानते हुए यहाँ अपना टेक्नोलॉजी/इनोवेशन सेंटर स्थापित करने में गहरी रुचि दिखाई और इसके लिए एमपीआईडीसी के साथ आगे की समन्वय प्रक्रिया पर सहमति व्यक्त की।
सांध्यकालीन कार्यक्रम
प्रतिनिधिमंडल ने इंदौर के प्रमुख पर्यटन स्थलों-राजवाड़ा पैलेस, लालबाग पैलेस और सराफा बाजार का भ्रमण किया और स्थानीय संस्कृति एवं उपभोक्ता बाजार की विशेषताओं का अनुभव प्राप्त किया।
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