खंडवा
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से बड़ी खबर है. यहां आने वाले दिनों में होने वाले गरबा महोत्सव को लेकर आयोजकों ने गाइडलाइन जारी की है. इसके मुताबिक अब अगर आप बैकलेस पहनकर जाएंगीं, तो गरबा नहीं कर सकेंगी. आपको इंडियन ट्रेडिशनल ड्रेस से ही एंट्री मिलेगी. वहीं, दूसरी ओर गरबा पंडालों में जाने वालों को आईडी और आधार कार्ड दिखाने पर ही प्रवेश मिलेगा. किसी भी गैर हिंदू को गरबा पंडाल की किसी व्यवस्था का कोई काम नहीं दिया जाएगा. लोगों को पंडाल में प्रवेश तिलक लगाकर ही दिया जाएगा.
विश्व हिंदू परिषद के विभाग सहमंत्री अनिमेष जोशी ने कहा कि नवरात्रि महोत्सव शुरू होने जा रहा है. इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इसके लिए गाइड लाइन तय की गई है. गरबा महोत्सव आयोजकों, हिंदू संगठनों ने तय किया है कि सिंगल पुरुष गरबा परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. उन्हें परिवार के साथ ही प्रवेश दिया जाएगा. हमने गरबा ड्रेस उपलब्ध कराने वालों के साथ विचार-विमर्श किया है. परिसर में महिलाओं को समर्पित पिंक-डे के साथ ही केसरिया-डे और देशभक्ति पर आधारित प्रस्तुतियां होंगी. इस बैठक में गरबा रास महोत्सव आयोजकों, हिंदू संगठनों, गरबा ड्रेस उपलब्ध कराने वालों, मातृशक्ति संगठन शामिल हुए.
केसरिया गरबा महोत्सव में पिंक-केसरिया के रंग
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि इस बार केसरिया गरबा का आयोजन 5 से 11 अक्टूबर तक होगा. इसमें हिन्दू संगठन के पदाधिकारियों ने भी सभी को गरबा आयोजन को लेकर सुरक्षा और धर्म को लेकर कुछ बिंदु बताए. इन्हें सभी ने सहर्ष स्वीकार किया. रितेश कपूर ने बताया कि केसरिया गरबा में एक दिन महिलाओं को समर्पित रहेगा. यह पिंक-डे के रूप में मनाया जाएगा. आशीष जायसवाल ने कहा कि केसरिया और देशभक्ति पर आधारित प्रस्तुति भी होगी. उन्होंने कहा कि मां शक्ति की भक्ति के सबसे बड़े पर्व नवरात्र की शुरुआत होने जा रही है. नवरात्र में गरबा रास का विशेष महत्व है. खंडवा में गरबा पंडालों के लिए नियम तय हो गए हैं.

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