
मुरैना
चंबल की फिजां बदल रही है. एक समय डकैत, मुठभेड़ के लिए कुख्यात चंबल की आबोहवा में अब प्रतिभाएं अपना लोहा मनवाने लगी हैं. शिक्षा के क्षेत्र में हो या खेल के, हर मामले में चंबल का रंग बदला हुआ दिख रहा है. इसकी की बानगी है चंबल में शुरू हुआ खिलाड़ियों का महाकुंभ. हैंडबॉल महाकुंभ में 700 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. 50 टीमों के बीच रोमांचक मुकाबले शुरू हो चुके हैं.
स्कूलों के 700 खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में शामिल
चंबल की धरती पर खिलाड़ियों का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है मुरैना के टीएसएस इंटरनेशनल स्कूल में 4 दिवसीय वेस्ट जोन हैंडबॉल प्रतियोगिता का शुभारंभ भव्य समारोह के बीच हुआ. खेल महोत्सव में गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश से आई लगभग 700 छात्र-छात्राएं प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रतियोगिता में करीब 50 से अधिक टीमें बनाई गई हैं, जिन्हें अंडर-14, अंडर-17 और अंडर-19 तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है. मैदान में पहले ही दिन खिलाड़ियों के जोश ने दर्शकों का दिल जीत लिया.
स्कूल के 3 मैदानों में शुरू हुए मैच
तीन मैदानों पर एक साथ मैच खेले गए, जहां रोमांचक नज़ारे देखने को मिले. पहले मैच में मैट्रिक्स हायर सेकेंडरी स्कूल ने शानदार खेल दिखाते हुए एआईएस स्कूल जयपुर को 16-10 से हराया. दूसरे मुकाबले में मानसरोवर द स्कूल बैतूल ने दमदार प्रदर्शन कर एलबूड़ इंटरनेशनल स्कूल जयपुर को 7-2 से मात दी. इस दौरान गोल करने की जद्दोजहद, डिफेंस की सटीक चाल और गोलकीपर की चुस्ती ने मैच को और रोमांचक बना दिया. दर्शक दीर्घा से लगातार तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही.
सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ प्रतियोगिता शुरू
खिलाड़ियों, कोच व शिक्षकों के लिए ठहरने, भोजन और चिकित्सा की व्यवस्था की गई है. कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती पूजन के बाद आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हुई. इसके बाद डीआईजी चंबल रेंज सुनील जैन ने गेंद फेंककर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया. और फिर खेल मैदान में जोश की लहर दौड़ गई. उद्घाटन अवसर पर सीबीएसई ऑब्जर्वर राजकुमार सेंगर, विद्यालय के डायरेक्टर सुरेंद्र प्रताप सिंह सिकरवार, प्राचार्य शिखा श्रीवास्तव, और स्पोर्ट्स टीचर राजेंद्र सिंह राजावत सहित बड़ी संख्या में अतिथि, शिक्षक और अभिभावक मौजूद रहे.
खेलों से जीवन में अनुशासन आता है
इस मौक पर डीआईजी सुनील जैन ने कहा "बच्चों में खेल भावना को जगाना और उन्हें मंच देना आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है. खेल न केवल बच्चों का भविष्य संवारते हैं बल्कि जीवन में अनुशासन, टीम स्पिरिट और आत्मविश्वास भी जगाते हैं." उन्होंने इस आयोजन को चंबल क्षेत्र के लिए गौरव की बात बताते हुए विद्यालय प्रबंधन को बधाई दी.
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