
मॉस्को
ईरान-इजरायल युद्ध पर जहां दुनिया के बड़े देश दो धड़ों में बंटते नजर आ रहे हैं, वहीं अमेरिका के दो पुराने दुश्मन रूस और चीन खुलकर ईरान के समर्थन में आ गए हैं। दोनों ही देशों ने अमेरिका को इस जंग में कूदने से परहेज करने की नसीहत दी है और दो टूक कहा है कि अगर अमेरिका ईरान के खिलाफ युद्ध में कूदता है तो उसके गंभीर नतीजे होंगे। दोनों ताकतवर देशों के राष्ट्रपतियों ने करीब एक घंटे तक फोन पर बातचीत की है। इसके बाद दोनों ही देशों की तरफ से बयान जारी कर इजरायल को सीजफायर की नसीहत दी गई है।
यह सलाह ऐसे वक्त पर दी गई है, जब इजरायली प्रघानमंत्री ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या करने और वहां सत्ता परिवर्तन की बात लगातार कर रहे हैं। इस बीच, रूस ने ईरान में सत्ता परिवर्तन की किसी भी संभावित बातचीत का समर्थन करने से इनकार करने के साथ ही ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या के प्रयासों को अस्वीकार्य बताया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने ‘स्काई न्यूज’ के साथ एक साक्षात्कार में यह बात कही।
खामेनेई की हत्या अकल्पनीय
पेसकोव ने कहा, “खामेनेई की हत्या अकल्पनीय है, और इस बारे में बात करना भी सभी के लिए अस्वीकार्य होना चाहिए।” उन्होंने कहा, “स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण है और यह न उस केवल क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए खतरनाक है।” उन्होंने कहा कि कोई भी अतिरिक्त भागीदार तनाव को और बढ़ाएगा। पेसकोव का इशारा वाशिंगटन द्वारा इजरायल को प्रत्यक्ष सैन्य सहायता प्रदान करने की संभावनाओं की तरकफ था।
भानुमती का पिटारा खोल देंगे
हालांकि, पेसकोव ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की कि खामेनेई की हत्या होने पर रूस क्या कार्रवाई करेगा, इसके बजाय उन्होंने कहा, कि यह ईरान के अंदर से कार्रवाई को और बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा, “इससे ईरान के अंदर चरमपंथी भावनाएँ पैदा होंगी और जो लोग (खामेनेई की हत्या) के बारे में बोल रहे हैं, उन्हें इसे ध्यान में रखना चाहिए। वे भानुमती का पिटारा खोल देंगे।”
ट्रंप ने भी पुतिन को दी थी नसीहत
ईरान-इजरायल युद्ध को समाप्त करने के लिए मध्यस्थता करने के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रस्तावों को अब तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अस्वीकार कर दिया है। ट्रम्प ने बुधवार को रूसी राष्ट्रपति से कहा था कि पहले उन्हें खुद के संघर्ष की मध्यस्थता करनी चाहिए। उनका इशारा युक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध से था। पेसकोव ने इस बात से इनकार किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति के शब्द अपमानजनक थे। उन्होंने कहा, “हर किसी की एक अलग भाषा होती है। राष्ट्रपति ट्रम्प के बोलने का अपना अनूठा तरीका और अपनी अनूठी भाषा है। हम काफी सहिष्णु हैं और उम्मीद करते हैं कि हर कोई हमारे प्रति सहिष्णु होगा।”
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