भोपाल / इंदौर
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के लगातार बिगड़ते संचालन से मध्यप्रदेश के एयरपोर्ट पर हालात संभल नहीं रहे। इंदौर, भोपाल और जबलपुर में कुल मिलाकर 65 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। पिछले चार दिनों में कंपनी देशभर में 1700 से अधिक फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी हैं, जिसका सीधा असर मध्यप्रदेश पर दिखाई दे रहा है। कई यात्रियों ने रातें एयरपोर्ट पर बिताईं, जबकि दूसरी एयरलाइन्स ने किराया तीन से चार गुना बढ़ा दिया।
बता दें, आज (6 दिसंबर) भी पूणे से भोपाल और इंदौर से पूणे की फ्लाइट कैंसिल की गई है। इसमें फ्लाइट संख्या 6E-147 (इंदौर से पूणे) रात 11.05 बजे और फ्लाइट संख्या 6E-258 (पूणे से भोपाल) सुबह 01.40 बजे शामिल है।
दिल्ली में रोका, भोपाल में फंसी दुल्हन
शुक्रवार को भोपाल से 18 फ्लाइट कैंसिल हुईं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। दिल्ली जाने वाली डॉ. गुंजन भी उन्हीं यात्रियों में शामिल थीं, जिनकी इंडिगो फ्लाइट कैंसिल हो गई। शनिवार को दिल्ली में उनका रौका समारोह था, दूल्हा वहां इंतजार कर रहा था। जबकि दुल्हन भोपाल एयरपोर्ट पर दूसरे साधन की तलाश में भटक रही थीं।
हनीमून जाने के लिए करनी पड़ी ट्रेन
भोपाल के ही विवेक और साक्षी मिश्रा हनीमून के लिए ऊटी जा रहे थे। भोपाल से मुंबई और वहां से कनेक्टिंग फ्लाइट थी, लेकिन उड़ान रद्द होने के बाद दोनों ने ट्रेन से सफर करने का फैसला किया। वे एयरपोर्ट से रेलवे स्टेशन पहुंचे और स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस से रवाना हुए।
क्रू संकट के चलते यात्रियों को अंतिम समय में यात्रा योजनाएं बदलनी पड़ रही हैं और एयरलाइंस की ओर से स्थिति सामान्य करने के प्रयास जारी हैं।
इंदौर में सबसे ज्यादा असर, किराए आसमान पर
इंदौर एयरपोर्ट इंडिगो संकट का सबसे बड़ा शिकार बन गया। यहां उड़ानें रद्द होने से यात्रियों की लंबी कतारें और अफरा-तफरी देखी गई। बच्चों और बुजुर्गों को घंटों इंतजार करना पड़ा। दूसरी एयरलाइन्स ने मौके का फायदा उठाते हुए किराए तीन से चार गुना बढ़ा दिए। कई यात्रियों ने कहा कि एयरलाइन कोई ओनरशिप नहीं ले रही, सिर्फ इतना बताया जा रहा है कि फ्लाइट्स कैंसिल है और रिफंड ले लो।
जबलपुर में अचानक 10 उड़ानें रद्द
जबलपुर में भी हालात बिगड़े। यहां से आने-जाने वाली करीब 10 फ्लाइट्स अचानक रद्द कर दी गईं। लगभग 900 से 1000 यात्री पहले से टिकट बुक करा चुके थे। कई लोगों को फ्लाइट कैंसिल होने की सूचना मैसेज में मिली, जबकि कई यात्रियों को किसी तरह की जानकारी नहीं मिली। डुमना एयरपोर्ट पर यात्रियों ने नाराजगी जताई और एयरलाइन पर मनमानी का आरोप लगाया। केवल इंदौर के लिए फ्लाइट्ससंचालित रहीं।
इंडिगो की सर्विस से यात्री के खासे नाराज
इंडिगो ने बयान जारी कर कहा कि यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था देने की कोशिश की जा रही है। हालांकि प्रभावित लोग मानते हैं कि सूचना प्रणाली कमजोर है और ग्राउंड स्टाफ कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा। कई यात्रियों का कहना था कि वे रातभर एयरपोर्ट पर फंसे रहे, लेकिन एयरलाइन की ओर से कोई सहायता नहीं मिली।
DGCA के नए नियमों ने बढ़ाया दबाव
इस संकट के पीछे DGCA के नए सुरक्षा नियमन हैं, जिनका सीधा असर crew availability पर पड़ा है।
मुख्य बदलावों में शामिल हैं,
क्रू मेंबर्स को लगातार 7 दिन काम करने के बाद 48 घंटे का अनिवार्य आराम देना।
पायलट पहले 6 नाइट लैंडिंगकरते थे, अब केवल दो की अनुमति है।
किसी भी क्रू मेंबर को एक सप्ताह में दो से अधिक नाइट ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती।
प्री और पोस्ट फ्लाइट ड्यूटी में एक घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता।
इन बदलावों के कारण इंडिगो के पास पर्याप्त क्रू नहीं बच पा रहा और बड़ी संख्या में फ्लाइट समय पर संचालित नहीं हो पा रहीं।
भोपाल में हज यात्रियों का ग्रुप भी फंसा
भोपाल एयरपोर्ट पर शुक्रवार को 18 फ्लाइट्स रद्द होने से यात्रियों का धैर्य टूट गया। कई लोग दो दिन से अपनी फ्लाइट्स का इंतजार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी उस हज ग्रुप को हुई, जिसके 41 यात्रियों को एयरपोर्ट पर रोक दिया गया। होटल और ट्रांसपोर्ट पहले से बुक थे, इसलिए हर यात्री का प्रतिदिन 5 से 6 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है। कई लोगों का 6 हजार रुपए का टिकट बढ़कर 30 से 35 हजार तक पहुंच गया और फिर भी यह भरोसा नहीं कि नई टिकट से यात्रा हो ही जाएगी।
पहले जानिए क्यों बनी ऐसी स्थिति
दरअसल, इंडिगो एयरलाइन क्रू मेंबर्स की कमी से जूझ रही है। इसके कारण इंदौर, भोपाल, दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद सहित कई एयरपोर्ट पर 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं। यात्री 24-24 घंटे से फ्लाइट का इंतजार कर रहे हैं।
इसकी वजह यह है कि 1 नवंबर से DGCA ने पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के काम से जुड़े नियमों में बदलाव किए थे। फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नाम दिया गया है। इन्हें दो चरणों में लागू किया गया।
पहला चरण 1 जुलाई को लागू हुआ था। वहीं, 1 नवंबर से दूसरा चरण लागू हुआ। नए नियमों में यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पायलटों और क्रू को पर्याप्त आराम देने पर जोर दिया गया है। इस कारण एयरलाइन कंपनियों के पास पायलटों और क्रू मेंबर्स की अचानक कमी पड़ गई है।
यात्रियों को 4-5 गुना अधिक किराया देना पड़ रहा है, फिर भी यह भरोसा नहीं कि नई टिकट से सफर हो ही जाएगा। भोपाल एयरपोर्ट पर हज ग्रुप के 41 यात्रियों को रोक दिया गया, होटल और ट्रांसपोर्ट पहले से बुक, रोज प्रति यात्री 5–6 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है।
किसी का टिकट 6 हजार से बढ़कर 35 हजार तक पहुंच गया, किसी को रातभर एयरपोर्ट पर रुकना पड़ा…यात्रियों का आरोप है कि “एयरलाइन कोई ओनरशिप नहीं ले रही, बस कहती है फ्लाइट कैंसिल है, रिफंड ले लो।
हज यात्री बोले- सारी बुकिंग कन्फर्म, नुकसान हमारा
अयाज हसन, अल-बिलाल टूर्स एंड ट्रैवल्स ऑपरेट करते हैं। वह भोपाल एयरपोर्ट पर बेहद परेशान नजर आए। उनके मुताबिक, 6 दिसंबर को उन्हें अपने 41 यात्रियों के साथ अहमदाबाद पहुंचना था, जहां से जेद्दा की फ्लाइट पकड़नी थी। होटल, ट्रांसपोर्ट और गाइड-सबकी बुकिंग महीनों पहले से हो चुकी है। एयरपोर्ट पहुंचने पर पता चला कि भोपाल से सभी उड़ानें संचालन में ही नहीं हैं।
वे बोले, “हम इसलिए जल्दी आ गए कि यात्रियों को रोक सकें, ताकि वे बेवजह एयरपोर्ट आकर परेशान न हों। हमारे हर यात्री का रोज 5-6 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है, क्योंकि जेद्दा में होटल और गाड़ियों का एडवांस पेमेंट हो गया है। अराइवल न होने पर सारा पैसा कट जाएगा।”
अयाज की सबसे बड़ी चिंता यह है कि किसी अधिकारी के पास कोई जवाब नहीं, “हमें नहीं पता कि उड़ानें कब शुरू होंगी। 600 किलोमीटर दूर अहमदाबाद तक इतने लोगों को कैसे पहुंचाएं? कोई योजना ही नहीं हैं।

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