
नई दिल्ली
किसान मजदूर मोर्चा के प्रमुख स्वर्ण सिंह पंढेर शंभू बॉर्डर का मानना है कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है जबकि वो अन्नदाताओं के हित में आंदोलन कर रहे हैं। एक वीडियो संदेश जारी कर पंढेर ने अपनी नाराजगी जाहिर की। पंढेर ने कहा, “हम इस समय शंभू बॉर्डर पर स्थित हैं। आज हमारे आमरण अनशन का दसवां दिन है और दिल्ली में चल रहे आंदोलन को 297 दिन हो चुके हैं। हम अपनी 12 प्रमुख मांगों को लेकर देशभर के किसानों के हित में आंदोलन कर रहे हैं और हमारा यह आंदोलन चलता रहेगा।”
स्वर्ण सिंह ने कहा, “देश भर के किसान और मजदूर एकजुट होकर इन मुद्दों पर आंदोलन कर रहे हैं।” उन्होंने उपराष्ट्रपति द्वारा दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी अंतरात्मा जागी है। उन्होंने कहा, हरियाणा के डीसी ने हमें नोटिस भेजकर कहा कि वहां धारा 144 लागू है। जब हरियाणा में सब कुछ सामान्य था, तो किसानों और मजदूरों के लिए ही धारा 144 क्यों लागू की गई। सरकार ने कभी भी किसानों के साथ ऐसा भेदभाव नहीं किया था।
उन्होंने कहा कि आज से पहले देश में 70,000 अर्धसैनिक बलों को तैनात नहीं किया गया था, ड्रोन से निगरानी नहीं की गई थी, और न ही कभी किसानों पर बमबारी हुई थी। लेकिन यह सब पहली बार मोदी सरकार ने किया।
स्वर्ण सिंह ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार लगातार 10 महीने से किसानों से यह कह रही है कि वे सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट जाएं, और जब किसानों ने पैदल दिल्ली जाने का निर्णय लिया तो उन पर पाबंदी लगा दी गई। सरकार किसानों को दुश्मन की तरह देख रही है, न कि देश के नागरिक के रूप में।
स्वर्ण सिंह ने सभी किसानों और मजदूरों से अपील की कि वे इस आंदोलन में उनका समर्थन करें और बॉर्डर पर पहुंचकर एकजुट हों। कल यहीं से हम लोग तीन बजे के बाद दिल्ली के लिए जत्था रवाना करेंगे। अपनी आगे की रणनीति का खुलासा गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए करेंगे।
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