
भोपाल
मध्यप्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी पर बवाल जारी है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई व पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि पहले सब की राय लेकर कार्यकारिणी घोषित होती थी। यह कोई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं है कि एमडी जो चाहेगा वह होगा। पार्टी सबकी है, किसी परिवार की नहीं है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह ने कहा कि पहले सब की राय लेकर कार्यकारिणी घोषित होती थी। कार्यकर्ताओं से पूछकर कार्यकारिणी बनती थी, जो मेहनत करने वाले कार्यकर्ता थे, उनको हम पद देते थे, एडजस्ट करते थे। यह परंपरा पिछले 25-30 वर्षों से नगण्य हो चुकी है। यह कार्यकारिणी पीसीसी बंद कमरे में बैठकर बनी है। किसी ने इनको लिस्ट पकड़ा दी और इन्होंने जारी कर दी।
पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने आगे कहा कि यह कोई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं है कि एमडी जो चाहेगा वह होगा। अजय सिंह ने सही बात कही है। अब कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी भी खुद कह रहे है कि वह वादा करो, जो निभा सकते हो। पार्टी सबकी है, किसी के परिवार की नहीं है।
PCC चीफ ने कही थी ये बात
वहीं लक्ष्मण सिंह की नाराजगी और उनके ट्वीट पर जीतू पटवारी का बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था कि हमारा परिवार बड़ा है। बड़े परिवार में छोटा-मोटा मुद्दा होता रहता है। सबको मानने और सबके भावनाओं का सम्मान करना मेरा काम है। मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं कुछ आपत्ति आई हैं, जिसे मैंने गंभीरता से लिया है सभी से मेरी बात हो गई है। लक्ष्मण सिंह को पूरी जानकारी नहीं है, इसलिए उन्होंने ऐसा बोल दिया। मैं उनकी बातों का सम्मान करता हूं, वह एक सीनियर लीडर है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में कार्यकारिणी को लेकर लंबे समय से चल रहा इंतजार 26 अक्टूर को खत्म हुआ। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी की नई टीम का ऐलान हुआ। जिसमें 177 नेताओं को जिम्मेदारी दी गई। इसमें 17 उपाध्यक्ष बनाए गए है, 71 जनरल सेक्रेटरी बनाए गए है। 40 विशेष आमंत्रित सदस्य बनाये गए, वहीं 33 स्थाई आमंत्रित सदस्य बनाए गए है। एग्जीक्यूटिव कमेटी के 16 सदस्य बनाए गए है। लेकिन सूची आने के बाद से अब तक पूर्व विधायक कल्पना वर्मा समेत छह लोगों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
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