मुंबई
द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता महान कोच रमाकांत आचरेकर के साथ अपनी शुरुआती मुलाकात को याद करते हुए भारत के पूर्व बल्लेबाज प्रवीण आमरे ने कहा कि इससे उनकी जिंदगी बदल गयी थी। आमरे ने यहां एक कार्यक्रम में भारत के कई खिलाड़ियों के कोच रहे आचरेकर के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद किया।
उन्होंने कहा, ‘‘सब जानते हैं कि मैं अचरेकर सर का छात्र हूं लेकिन कोई नहीं जानता कि उनसे मेरी मुलाकात कैसे हुई। मैं शिवाजी पार्क के बाकी बच्चों की तरह ही क्रिकेट खेलता था। एक दिन मैंने अपने साथियों से कहा कि हमें ‘लेदर’ की गेंद से खेलना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं चप्पल पहनकर अचरेकर सर के पास गया और उनसे पूछा, ‘क्या आप मेरी टीम के खिलाफ एक मैच खेल सकते हैं?’ उन्होंने मुझसे कहा, ‘आपको सफेद वर्दी और जूते पहने हुए 11 खिलाड़ियों के साथ 55 रुपये और एक गेंद देनी होगी।’’
आमरे ने कहा, ‘‘मेरे किसी भी दोस्त के पास इतने पैसे नहीं थे और मैं सिर्फ अपने पिता से ही मदद मांग सकता था। मैंने उस मैच में सिर्फ 10 रन बनाए, लेकिन जब मैं अचरेकर सर को 55 रुपये देने गया, तो उन्होंने कहा, ‘अगर तुम्हें क्रिकेट खेलना है, तो मेरे पास आना।’ तब से मेरी जिंदगी बदल गई।’’ आमरे ने भारत के लिए 11 टेस्ट (425 रन) और 37 एकदिवसीय (513 रन) मैच खेले हैं।

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