
इस्लामाबाद
आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया में अलग-थलग पड़ रहा पाकिस्तान अब भारत से बाचतीत के लिए छटपटा रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मदद की गुहार लगाई है। इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने भारत के साथ तनाव कम करने में ट्रंप की कथित भूमिका के लिए खूब तारीफ की। इस दौरान शहबाज ने वॉशिंगटन से दोनों देश के बीच व्यापक बातचीत की सुविधा शुरू करने में मदद का आग्रह किया।
शहबाज ने ट्रंप को दिया क्रेडिट
अमेरिका की आजादी की 249वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति की तारीफ की और युद्ध विराम सुनिश्चित करने में निर्णायक भूमिका निभाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को श्रेय दिया। शहबाज ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने बिना किसी संदेह के यह दिखा दिया है कि 'वे शांति और लाभकारी व्यापारिक सौदों के पक्षधर हैं।' भारत ने साफ कहा है कि युद्धविराम में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के सुर में सुर मिला रहे थे, जिन्होंने दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष रोकने में मदद के लिए ट्रंप को क्रेडिट दिया था। वॉशिंगटन में पाकिस्तानी पत्रकारों से बात करते हुए बिलावल ने कहा कि '10 अलग-अलग मौकों पर उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की सुविधा प्रदान करने का श्रेय लिया है – और यह सही भी है। वह इस श्रेय के हकदार हैं, क्योंकि उनके प्रयासों से ही युद्ध विराम संभव हो पाया।' भुट्टो ने आगे कहा 'अगर अमेरिका इस युद्ध विराम को बनाए रखने में पाकिस्तान की मदद करने को तैयार है, तो यह उम्मीद करना उचित है कि व्यापक वार्ता की व्यवस्था करने में अमेरिकी भूमिका हमारे लिए भी फायदेमंद होगी।'
शहबाज शरीफ ने भारत पर उकसावे के तहत हमला करने का आरोप लगाया और कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय आक्रमण का संयम और धैर्य के साथ जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत को 'ठोस सबूतों के साथ सामने आना चाहिए था और दुनिया को घटना के बारे में आश्वस्त करना चाहिए था।'
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