
बरेली
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के 11वें दीक्षांत समारोह में मेधावियों को पदक व उपाधि देकर सम्मानित किया। उन्होंने पशु चिकित्सा क्षेत्र में उपाधि और पदक पाने वाले मेधावियों को बधाई दी। कहा कि इस समारोह में छात्राओं की बड़ी संख्या में देखकर गर्व की अनुभूति होती है। बेटियां अन्य क्षेत्रों की तरह पशु चिकित्सा क्षेत्र में भी आगे रही हैं। यह बहुत ही शुभ संकेत है। राष्ट्रपति ने कहा कि आप सब ने निरीह और बेजुबान पशुओं की चिकित्सा और कल्याण के क्षेत्र को अपने करियर के रूप में चुना है। इस चुनाव के पीछे ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:’ की भारतीय सोच का भी योगदान रहा है।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया स्वागत
राष्ट्रपति सुबह करीब 9:50 बजे भारतीय वायु सेना के विमान से त्रिशूल एयरबेस पर उतरीं। वहां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी भी मौजूद रहे। यहां से वह सीधे आईवीआरआई परिसर स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार पहुंचीं। दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने स्नातक, मास्टर और डॉक्टरेट डिग्री के विद्यार्थियों को अपने हाथ से प्रमाण पत्र व गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया।
'पशु और मानव में एक परिवार का रिश्ता'
राष्ट्रपति ने कहा कि ‘ईशावास्यम् इदम् सर्वम्’ के जीवन मूल्य पर आधारित हमारी संस्कृति, सभी जीव-जंतुओं में ईश्वर की उपस्थिति को देखती है। पशुओं से हमारे देवताओं व ऋषि-मुनियों का संवाद होता है। भगवान के कई अवतार भी इसी विशिष्ट श्रेणी में हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सक या शोधकर्ता के रूप में कार्य करें तो बेजुबान पशुओं के कल्याण की भावना मन में हो। पशु और मानव में एक परिवार का रिश्ता है।
आईवीआरआई के योगदान को सराहा
उन्होंने कहा कि पशुओं में बीमारियों की रोकथाम में टीकाकरण की अहम भूमिका है। पशु चिकित्सा अनुसंधान में आईवीआरआई से जुड़े वैज्ञानिकों व शोधकर्ताओं का योगदान सराहनीय है। इस संस्थान ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को प्राप्त किया है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में अनके टीके यहीं पर विकसित किए गए हैं। यह गर्व की बात है।
पशुओं को बताया जीवन धन
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि पशु हमारे लिए 'साधन' (परिवहन के लिए) और किसानों के लिए 'बल' रहे हैं। पशु के बिना किसान आगे नहीं बढ़ सकता है। पशु जीवन धन हैं। उनके बिना हम जिंदगी सोच नहीं सकते।
राष्ट्रपति ने विलुप्त हो रहे जीव-जंतुओं पर चिंता जताई। कहा कि जब विभिन्न प्राणियों का संवर्धन होगा, तब जैव-विविधता बढ़ेगी और यह धरती तथा मानव जाति खुशहाल होगी। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान जैसी संस्थाओं से अपील है कि वे जैव-विविधता को बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाएं और आदर्श प्रस्तुत करें।
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