आंवला नवमी 2025 का दिन धर्म, स्वास्थ्य और समृद्धि का संगम है। इस दिन श्रद्धा से आंवले के वृक्ष की पूजा करने से जीवन में अक्षय पुण्य और ईश्वरीय आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। यह पर्व हर आयु वर्ग के लिए सरल और पवित्र साधना का अवसर है। जहां प्रकृति, भक्ति और स्वास्थ्य एक सूत्र में बंध जाते हैं। आंवला नवमी का दिन धन, आरोग्य और दीर्घायु का प्रतीक माना गया है। इस दिन आंवले के सेवन और पूजा से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है तथा पापों का क्षय होता है। यह दिन संतान सुख, पारिवारिक समृद्धि और वैवाहिक सुख प्रदान करने वाला माना गया है।
आंवला नवमी मुख्य लाभ
विष्णु व शिव की कृपा से घर में धन और शांति बढ़ती है।
रोग, दुर्भाग्य और दरिद्रता दूर होती है।
वैवाहिक जीवन में प्रेम और स्थिरता आती है।
व्यक्ति को मोक्ष और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
आंवला नवमी व्रत विधि
प्रातःकाल स्नान कर पीले या सफेद वस्त्र धारण करें।
आंवले के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और जल से सिंचन करें।
रोली, चावल, धूप, पुष्प, दीप, अक्षत और मिठाई से पूजा करें।
भगवान विष्णु और भगवान शिव का ध्यान करते हुए आंवले की 7 परिक्रमा करें।
परिवार सहित वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करें, इसे अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।
आंवला नवमी के विशेष उपाय
आंवले के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और विष्णु-लक्ष्मी का ध्यान करें।
जरूरतमंदों को आंवले, वस्त्र या मिठाई दान करें।
ॐ नारायणाय नमः मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
यदि संभव हो तो आंवला वृक्ष लगाएं, यह अत्यंत शुभ होता है।

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