
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ दिनों के डिप्लोमैटिक दौरे पर रवाना हो रहे हैं। इस दौरान वह पांच देशों की यात्रा करेंगे। पीएम मोदी का यह दौरा दो जुलाई से नौ जुलाई तक चलेगा। पिछले दस साल में यह पीएम मोदी की सबसे लंबी राजनयिक यात्रा होने जा रही है। इसकी शुरुआत घाना से होगी, जिसमें दक्षिण अमेरिकी, कैरेबियाई और अफ्रीकी देशों पर पर फोकस रहेगा। विदेश मंत्रालय के मुताबिक घाना के बाद प्रधानमंत्री मोदी कैरेबियाई देश त्रिनिनाद और टोबैगो और वहां से अर्जेंटीना जाएंगे। अर्जेंटीना के बाद नरेंद्र मोदी ब्राजील जाएंगे, जहां वो 17वें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस यात्रा का आखिरी पड़ाव नामीबिया होगा।
देश के हिसाब से पीएम मोदी की यात्रा का ऐसा है एजेंडा
घाना
प्रधानमंत्री बनने के बाद 10 साल में यह पहली बार होगा जब नरेंद्र मोदी घाना जा रहे हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि पिछले 30 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली घाना यात्रा होगी। यहां पर पीएम मोदी वैक्सीन हब जाएंगे। इसके बाद वह घाना की संसद को संबोधित करेंगे।
त्रिनिदाद और टोबैगो
त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा पर पीएम मोदी विशेष आमंत्रण पर जा रहे हैं। पिछले 25 साल में यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यहां की यात्रा पर जा रहा है। उम्मीद है कि यहां पर भी वह संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।
अर्जेंटीना
अपने राजनयिक दौरे के तीसरे देश के रूप में पीएम मोदी अर्जेंटीना जाएंगे। यहां पर भी वह अर्जेंटीनी राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के आमंत्रण पर जा रहे हैं। इस दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लेंगे। दोनों के बीच रक्षा, कृषि, खनन, तेल और गैस, व्यापार व निवेश पर बातचीत होगी।
ब्राजील
अर्जेंटीना के बाद पीएम मोदी ब्रिक्स 2025 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील जाएंगे। पीएम मोदी की यह चौथी ब्राजील यात्रा होगी। इस दौरान पीएम मोदी आतंकवाद को लेकर अपनी चिंता जाहिर करेंगे। साथ ही वह पाकिस्तान प्रायोजित पहलगाम हमले पर भी बात करेंगे, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
नामीबिया
यात्रा का अंतिम चरण नामीबिया में होगा, जो 27 वर्षों में एक भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा भी होगी। अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी राष्ट्रपति से मिलेंगे और नामीबिया की संसद को संबोधित करेंगे। इस यात्रा का एक मेन फोकस यहां पर भारत के यूपीआई को नामीबिया में लागू करने के लिए एक समझौता होगा। यह निर्णय भारत की डिजिटल भुगतान पहल का हिस्सा है। यूपीआई भूटान, मॉरिशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका, फ्रांस और यूएई में पहले से ही सक्रिय है।
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