
नई दिल्ली
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर तंज कसते हुए कहा कि मुडा के चेयरमैन ने अभी-अभी इस्तीफा दिया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को भी इस्तीफा देना चाहिए। क्योंकि, मुडा स्कैम में मुख्यमंत्री सिर से पांव तक खुद लिप्त हैं। संबित ने कहा, चंद दिनों पहले सिद्धारमैया ने पेशकश की थी कि जो जमीन उन्हें मुआवजा के तौर पर आवंटित हुई थी, उसे वापस करेंगे। मुडा के चेयरमैन का इस्तीफा और सिद्धारमैया द्वारा जमीन वापस करने की पेशकश से साफ होता है कि इस स्कैम में कांग्रेस पार्टी के कर्नाटक के सबसे बड़े नेता सिद्धारमैया खुद लिप्त हैं।
संबित ने प्रदेश की सरकार गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने एससी-एसटी वेलफेयर फंड का गलत इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, कर्नाटक में एससी-एसटी के लिए जो फंड है, उसका दुरुपयोग किया गया। 2024 के आम चुनाव में बेल्लारी लोकसभा में लगभग सात लाख से अधिक लोगों में 200 रुपए बांटे गए। संबित ने ईडी की चार्जशीट का हवाला देते हुए कहा, कांग्रेस को वोट देने के लिए सात लाख लोगों को 200 रुपए बांटे गए। जहां तक यह मुडा स्कैम का मामला है, लेखा अधीक्षक पी.चंद्रशेखर ने आत्महत्या की थी। उन्होंने सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें बहुत कुछ चौंकाने वाला था। नोट में लिखा था, कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम के खाते से 187 करोड़ रुपए अनाधिकृत हस्तांतरण हुए हैं। देश में एक नियम है कि जो पैसे एससी-एसटी समुदाय के लिए आवंटित है, उस फंड को डायवर्ट नहीं किया जा सकता है।
संबित ने कहा, राहुल गांधी विदेश जाते हैं तो कहते हैं कि हम कभी सत्ता में आएंगे तो आरक्षण खत्म कर देंगे। दूसरी तरफ कर्नाटक की कांग्रेस सरकार है, जिसने एससी-एसटी कल्याण के लिए आवंटित बजट से लोकसभा चुनाव, कार, फ्लैट, निजी हवाई यात्रा, निजी कर्मचारियों को सैलरी, बिजली के बिलों का भुगतान किया है।
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