
भोपाल
डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जुलाई से दो हजार डॉक्टरों की सेवाएं मिलेंगी। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस और पीजी करने वाले बंध-पत्र डॉक्टरों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। विभाग ने बंधपत्र डॉक्टरों से नियुक्ति स्थल के लिए पोर्टल के जरिए 30-30 विकल्प मांगे हैं। डॉक्टर 12 जून तक विकल्प पोर्टल पर बता सकेंगे। इसके बाद पोर्टल बंद कर दिया जाएगा। जुलाई माह में इनकी नियुक्ति कर दी जाएगी।
अभी ऐसे हालात
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अभी डॉक्टरों की कमी
4167 पद चिकित्सा विशेषज्ञों के स्वीकृत, 2563 पद इनमें खाली
5439 पद मेडिकल ऑफिसर के स्वीकृत, 1424 पद हैं खाली
639 डेंटल सर्जन के पद स्वीकृत, 392 पद इनमें खाली
इसलिए पासआउट विद्यार्थियों की तैनाती
कॉलेजों में एमबीबीएस में प्रवेश लेते समय छात्रों को 10 लाख रुपए का ग्रामीण सेवा बॉण्ड भरना होता है। इसके तहत एमबीबीएस और इंटर्नशिप पूरी होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में १ साल चिकित्सा सेवा देना अनिवार्य है। पीजी छात्रों के लिए अवधि 5 साल तक है। ऐसा न करने पर 10 लाख जमा करने होते हैं।
मेरिट के अनुसार होगी पोस्टिंग
विभाग ने शुक्रवार से पोर्टल खोला है। इस पर विकल्प और अन्य जानकारी मिलेगी। डॉक्टरों को लॉगिन आइडी और पासवर्ड मोबाइल पर भेजे हैं। पोर्टल पर जिला व संस्थावार रिक्तियों की जानकारी मिलेगी। हर स्वास्थ्य संस्था के सामने रिक्तियों की संख्या दिखेगी। वरीयता के आधार पर संस्था चुननी होगी। एक डॉक्टर अधिकतम 30 विकल्प चुन सकेंगे। फिर के अनुसार पोस्टिंग होगी। ऐसे डॉक्टरों को शासन मानदेय देगी। पिछले साल ऐसे डॉक्टरों का मानदेय 55 हजार रुपए प्रतिमाह था।
विशेषज्ञों की नियुक्ति
विशेषज्ञों की नियुक्ति विशेषज्ञता के अनुसार चरणबद्ध तरीके से साक्षात्कार के बाद की जाएगी। प्रत्येक विशेषज्ञता के लिए चयन सूची अलग-अलग जारी होगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में विशेषज्ञों के कुल तीन हजार 725 पदों से 1800 से अधिक रिक्त हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि विज्ञापित पदों में से लगभग 60 प्रतिशत ही मिल पा रहे हैं।
चिकित्सा अधिकारियों के 1200 से अधिक पद रिक्त
वर्ष 2023 में सीधी भर्ती से विशेषज्ञों के 888 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, पर इनमें 506 ही मिले। कारण, एक तो आरक्षित पदों पर निर्धारित योग्यता के अनुसार डॉक्टर नहीं मिल पाते। दूसरा, जिनका चयन होता है, उनमें कुछ ज्वाइन भी नहीं करते। इसी तरह से चिकित्सा अधिकारियों के कुल पांच हजार 329 पदों में से 1200 से अधिक पद रिक्त हैं।
50 प्रतशित पद संविदा से भरने का प्रविधान
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पद विज्ञापित करने के बाद आयोग ने पिछले माह शुद्धि पत्र भी जारी किया था। इसमें 50 प्रतशित पद संविदा से भरने का प्रविधान किया गया है। संविदा के अभ्यर्थी नहीं मिलने से यह पद ओपन श्रेणी से भरे जाएंगे।
इसके अतिरिक्त जिला अस्पतालों में सहायक प्रबंधक के 68 और प्रदेश भर के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के 120 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिस तरह से नए अस्पताल बन रहे हैं उसी के अनुरूप नए पद सृजित करने की भी प्रक्रिया भी चल रही है।
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