October 26, 2025

दक्षिण मध्य रेलवे ने औरंगाबाद’ से नाम बदलकर किया ‘छत्रपति संभाजीनगर’ का ऐलान

मुंबई

दक्षिण मध्य रेलवे ने एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए ‘औरंगाबाद रेलवे स्टेशन’ का नाम बदलकर ‘छत्रपति संभाजीनगर रेलवे स्टेशन’ कर दिया है। रेलवे ने बताया कि यह नाम परिवर्तन औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है और स्टेशन के सभी साइनबोर्ड, टिकट, घोषणाएं और डिजिटल सिस्टम में नया नाम अपडेट किया जा रहा है।

आधिकारिक नोटिस में लिखा है कि प्राधिकृत अधिकारी द्वारा "औरंगाबाद" रेलवे स्टेशन नांदेड मंडल, दक्षिण मध्य रेलवे का नाम बदलकर "छत्रपति संभाजीनगर" रेलवे स्टेशन करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस स्टेशन का नया स्टेशन कोड "CPSN” होगा।

सभी जरूरी प्रशासनिक प्रक्रियाएं पूरी
रेलवे के मुताबिक, यह फैसला महाराष्ट्र सरकार की अनुशंसा और गृह मंत्रालय की स्वीकृति के बाद लिया गया। स्टेशन का नया नाम छत्रपति संभाजीनगर मराठा योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता और ऐतिहासिक योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से रखा गया है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस बदलाव के बाद यात्रियों को स्टेशन से जुड़ी सभी सूचनाएं और टिकटें नए नाम से जारी होंगी। एक अधिकारी ने कहा रेलवे ने सभी जरूरी प्रशासनिक प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं। अब सभी प्लेटफॉर्म और ट्रेनों की घोषणाओं में स्टेशन का नाम ‘छत्रपति संभाजीनगर’ सुनाई देगा।

इससे पहले, केंद्र सरकार ने 2022 में औरंगाबाद शहर का नाम भी छत्रपति संभाजीनगर करने की मंजूरी दी थी। अब रेलवे स्टेशन के नाम परिवर्तन के साथ यह प्रक्रिया पूरी हो गई है।

15 अक्तूबर को जारी हुआ था गजट नोटिफिकेशन
गौरतलब है कि भाजता नेता और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने  विगत 15 अक्तूबर को इसका नाम बदलने का गजट नोटिफिकेशन जारी किया था। तीन साल पहले तत्कालीन सरकार ने औरंगाबाद शहर का नाम छत्रपति संभाजीनगर किया था। ये फैसला छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र और मराठा राज्य के दूसरे शासक छत्रपति संभाजी के सम्मान में लिया गया। औरंगाबाद का नाम पहले मुगल सम्राट औरंगजेब के नाम पर रखा गया था। इतिहासकारों के मुताबिक औरंगाबाद रेलवे स्टेशन 1900 में हैदराबाद के सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान के शासनकाल में खोला गया था। छत्रपति संभाजीनगर एक पर्यटन केंद्र है और अजंता और एलोरा की गुफाओं सहित कई ऐतिहासिक स्मारकों से घिरा हुआ है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र की इकाई- यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया है।