
इंदौर
इस बार 100 साल बाद भद्रा रहित निर्विघ्न राखी 9 अगस्त को मनाई जाएगी। इसके चलते पूरे दिन बहन-भाई की कलाई पर रेशम की डोर बांध सकेगी। भ्रदा में राखी बांधना और होलिका दहन निषेध बताया गया है।भाई-बहन के स्नेह के पर्व पर दुर्लभ नवपंचम योग भी रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग भी दोपहर 2.24 बजे तक रहेगा।साथ इस दिन सूर्य व बुध कर्क, चंद्र मकर, मंगल कन्या, गुरु एवं शुक्र मिथुन, राहु कुंभ व केतु सिंह राशि में रहेगा।
9 अगस्त को बन रहे दुर्लभ महासंयोग में मनेगा रक्षाबंधन, आखिरी बार 1930 में बना था
ज्योतिर्विद् विनायक त्रिवेदी के अनुसार रक्षा बंधन श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को भद्रा रहित तीन मुहूर्त या उससे अधिक व्यापिनी पूर्णिमा तिथि को अपरान्ह व व प्रदोष काल में मनाया जाता है।
पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2.12 बजे से 9 अगस्त को दोपहर 1.24 बजे तक रहेगी।
भद्रा भी पूर्णिमा के साथ 8 अगस्त को शुरू होकर रात 1.49 बजे तक रहेगी।
सूर्योदय से पहले भद्रा के समाप्त होने से पर्व इस बार निर्विघ्न रूप से मनाया जाएगा।
9 अगस्त को श्रवण नक्षत्र और चंद्रमा मकर राशि में रहेगा।
इसके स्वामी शनि है और इस दिन शनिवार है।
शास्त्रों के अनुसार श्रवण नक्षत्र के अधिपति विष्णु एवं सौभाग्य योग के अधिपति ब्रह्मा हैं।
इसके चलते यह पर्व सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा एवं जगत के पालनहार भगवान विष्णु के साक्षी में मनेगा।
इस बार Raksha Bandhan पर भाई की कलाई पर बांधे शुद्ध वैदिक राखी, जानें इसका महत्व
चौघड़िया अनुसार राखी बांधने का समय
शुभ : सुबह 07.39 से 09.16 बजे तक।
चर : दोपहर 12.29 से 02.06 बजे तक।
लाभ : दोपहर 2.07 से 03.43 एवं शाम 6.56 से 8.20 बजे तक।
अमृत : दोपहर 3.44 से शाम 05.20 बजे तक।
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