
नई दिल्ली
बांग्लादेशियों के पक्ष में बयान देकर विवादों में घिरीं सामाजिक कार्यकर्ता और योजना आयोग की पूर्व सदस्य सैयदा हमीद ने अब अपनी ही बात पर यू-टर्न ले लिया है और कहा है कि अवैध रूप से घुसे बांग्लादेशियों को देश से बाहर किया जाना चाहिए। हमीदा की ताजा टिप्पणी भारी विरोध और सियासी विवादों के बाद आई है। उन्होंने मंगलवार को एक कार्यक्रम में अपने बयान पर यू-टर्न लिया। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हमीद ने स्वीकार किया कि उनकी टिप्पणी से हलचल मच गई थी।
सैयदा हमीद ने कहा, "असम का मेरा अनुभव बेहद खूबसूरत है… 1997 से महिला आयोग और योजना आयोग का हिस्सा रहते हुए, मैं असम के हर हिस्से में गई हूँ। लेकिन मुझे कभी इस बात का एहसास नहीं हुआ कि मैं एक मुसलमान और एक महिला हूँ… अचानक, मेरा नाम पूरे भारत में गूंजने लगा… बांग्लादेशी अब एक अपशब्द बन गया है। यह अब एक भयावह शब्द बन गया है।" उन्होंने आगे कहा, “अगर कुछ बांग्लादेशी भी आ गए हैं, तो उनके साथ बैठिए, उनसे बातचीत कीजिए और उन्हें वापस भेजिए।”
सैयदा हमीद ने पहले क्या कहा था?
इससे पहले सैयदा हमीद ने रविवार को कहा था, "बांग्लादेशी भी इंसान हैं; धरती बहुत बड़ी है, बंगलादेशी भी यहाँ रह सकते हैं… अल्लाह ने यह धरती इंसानों के लिए बनाई है, शैतान के लिए नहीं। किसी इंसान को इतनी बेरहमी से क्यों निकाला जाए।" इसके साथ ही उन्होंने असम की हिमंता विस्वा सरमा सरकार पर बेदखली अभियानों के दौरान अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अमानवीय कृत्य करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि असम सरकार मुसलमानों को बंगलादेशी बता रही है।
असम में मच गया था सियासी भूचाल
हमीद के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि हमीद अवैध घुसपैठियों का समर्थन कर रही हैं और उनके बयान को इसका सबूत बताया था। सरमा ने कहा था कि ऐसे लोग ही ‘‘असम को पाकिस्तान का हिस्सा बनाने के जिन्ना के सपने को साकार करने’’ की कोशिश करते हैं। उन्होंने दावा किया कि हमीद जैसे लोगों के मौन समर्थन के कारण असमिया लोगों की पहचान विलुप्त होने के कगार पर है। मुख्यमंत्री सरमा ने मानवाधिकार कार्यकर्ता हमीद को गांधी परिवार का करीबी और विश्वासपात्र भी बताया था।
हिंदू सेना का विरोध-प्रदर्शन
विवाद मचने के बाद हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने सैयदा हमीद की हालिया टिप्पणी के खिलाफ मगलवार को प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि वह असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों का बचाव कर रही हैं। यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली के ‘कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब’ में हुआ, जहां हमीद ने नागरिक मंच असम नागरिक सम्मेलन द्वारा आयोजित ‘असम के विशेष संदर्भ में राष्ट्र की स्थिति’ विषय पर एक संगोष्ठी में शिरकत की थी। संगोष्ठी में हमीद ने असम में मुसलमानों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर चिंता व्यक्त करते हुए कथित तौर पर कहा था कि उन्हें अक्सर बांग्लादेशी करार दिया जाता है।
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