
भोपाल
एमपी बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं (कापियां) जांचने जा रहे शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बोर्ड की कापियां जांचने का मेहनताना तीन रुपये प्रति कापी बढ़ा दिया है। तय हुआ है कि इस वर्ष से कक्षा 10वीं की कापी जांचने वाले शिक्षक को 15 रुपये और 12वीं की कापी जांचने वाले शिक्षक को 16 रुपये प्रति कापी के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा।
पिछले छह साल से 10वीं का मूल्यांकन शुल्क 12 और 12वीं का 13 रुपये प्रति कापी था। माशिमं का मानना है कि मेहनताना बढ़ाने से शिक्षकों का मूल्यांकन के प्रति रूझान बढ़ेगा। अमूमन शिक्षक मूल्यांकन से कन्नी काटते नजर आए हैं।
गौरतलब है कि प्रत्येक वर्ष मध्य प्रदेश में 30 हजार शिक्षकों की ड्यूटी मूल्यांकन कार्य में लगाई जाती है। यानी इतने शिक्षक अब बढ़ा हुआ मेहनताना पाएंगे। माशिमं का कहना है कि इस बार भी मूल्यांकनकर्ताओं को एक शपथ पत्र भरकर देना होगा। शपथ पत्र इस बात का कि मूल्यांकन में कोई गलती नहीं की है। बावजूद कोई गलती पाई जाती है तो प्रकरण में अर्थदंड की पूर्ति करने के साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।
..तो भी एक रुपया बचा लिया बोर्ड ने
बढ़ाए गए मानदेय की तुलना पिछले वर्षों की उत्तरोत्तर दर से की। पाया माशिमं ने इस वर्ष एक रुपया कम बढ़ाकर अपने एक करोड़ रुपये से अधिक बचा लिए। वो ऐसे कि 2018 से पहले तक मंडल हर तीन साल में उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुल्क दो रुपये बढ़ा रहा था। 2018 में भी शुल्क में दो रुपये की बढ़ोतरी की गई थी। इस बार बढ़ोतरी छह वर्ष बाद की गई। इस हिसाब से मानदेय चार रुपये बढ़ाना था मगर तीन रुपये ही बढ़ाया।
एक अंक गलत देने पर 100 रुपये जुर्माना
कापी जांचने में यदि मूल्यांकनकर्ता शिक्षक ने त्रुटि की, एक अंक अधिक या कम दिया तो शिक्षक पर प्रति अंक 100 रुपये जुर्माना लगेगा। बता दें कि इस साल एमपी बोर्ड परीक्षा में कक्षा 10वीं के 10 लाख और कक्षा 12वीं के साढ़े सात लाख विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं। इस बार परीक्षा में पूरक कापी यानी अतिरिक्त उत्तर पुस्तिका देने का प्राविधान नहीं है। एक विद्यार्थी औसत छह विषयों की परीक्षा देता है। इस हिसाब से लगभग एक करोड़ पांच लाख उत्तर पुस्तिकाएं जांची जाएंगी।
20 से होगा मूल्यांकन, कापियों पर बार कोड लगाने का काम शुरू
बोर्ड परीक्षा की कापियों का मूल्यांकन 20 फरवरी से प्रारंभ होगा। तैयारियों स्वरूप प्रत्येक संभाग के दो जिलों की परीक्षा समन्वय संस्था में अब तक हुई परीक्षा की कापियों पर बार कोड लगाने का काम शुरू हो गया है।
More Stories
दिल्ली में मंत्री, दिल अब भी एमपी में! शिवराज की सक्रियता के पीछे क्या है रणनीति?
भोपाल में पहली बार स्टंट मेनिया का धमाका, 30 जुलाई को लीजेंड्स करेंगे रोमांचक प्रदर्शन
खरीफ फसल की बोवनी के लिए ‘साथी पोर्टल’ पर मानक बीज उपलब्ध: मंत्री कंषाना