
भोपाल
प्रदेश में तीन वर्ष से लगा तबादले पर से प्रतिबंध मई में हटाया जा सकता है। सरकार तबादला नीति घोषित करने की तैयारी में है। इसमें जिले के भीतर स्थानांतरण करने का अधिकार प्रभारी मंत्री को दिया जाएगा। किसी भी संवर्ग में 20 प्रतिशत से अधिक तबादले नहीं होंगे। गंभीर बीमारी, पति-पत्नी को एक स्थान पर पदस्थ करने, प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर स्थानांतरण किए जा सकेंगे। आदिवासी क्षेत्रों में तबादला उसी स्थिति में होगा, जब वहां दूसरी पदस्थापना सुनिश्चित हो जाए।
प्रदेश में चार लाख से अधिक नियमित कर्मचारी हैं। अभी मंत्रियों को विशेष परिस्थिति में तबादला करने के अधिकार दिए गए हैं। लेकिन विधानसभा का बजट सत्र आने के कारण इसका भी अधिक उपयोग नहीं हो सका। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों-कर्मचारियों का प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर तबादला करने की छूट देने की नीति तैयार करने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि तीन वर्ष से सामान्य प्रकृति वाले तबादले नहीं हुए हैं। मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री समन्वय में वे प्रकरण ही आते हैं, जो गंभीर और अति आवश्यक प्रकृति के होते हैं। विभागों के मैदानी कार्यालयों में कई अधिकारी लंबे समय से पदस्थ हैं। प्रशासनिक दृष्टि से परिवर्तन आवश्यक होता है। इसे देखते हुए नीति जल्द घोषित की जाएगी। इसमें उन अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले मुख्यमंत्री समन्वय की अनुमति के बिना नहीं होंगे। जिन्हें मुख्यमंत्री की नोटशीट के आधार पर दूसरे स्थान पर पदस्थ किया गया था।
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