
उज्जैन
महाकाल मंदिर में भस्मआरती में बैठने वालों की संख्या कम की जाएगी। चलित भस्मआरती के जरिए श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जाएंगे। गुरुवार को मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर और समिति अध्यक्ष रोशन कुमार सिंह ने की।
अभी भस्मआरती में 1700 श्रद्धालु शामिल होते हैं। मंदिर में दान किए गए सोने-चांदी के आभूषणों का मूल्यांकन अब मंदिर में ही होगा। इसके लिए मशीन और ऑपरेटर लगाए जाएंगे। दान में मिली ई-कार्ट के लिए चार्जिंग स्टेशन और पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे।
मंदिर की सभी सुविधाओं की जानकारी अब रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और मंदिर गेटों पर मिलेगी। महाराजवाड़ा और महाकाल परिसर को जोड़ने के लिए रिटेनिंग वॉल बनेगी। हर प्रवेश द्वार पर सुरक्षा गेट लगाए जाएंगे। उज्जैन में गीता भवन की स्थापना को समिति ने मंजूरी दी।
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