नई दिल्ली
देश की राजधानी दिल्ली में स्लम बस्तियों के जीर्णोद्धार का काम जारी है। इसके लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने एक निजी फर्म को ट्रांजेक्शन एडवाइजर बनाया है।
झुग्गी बस्तियों में बनाए जाएंगे फ्लैट
इस फर्म को 10 पुनर्वास प्रोजेक्ट के आकलन की जिम्मेदारी दी गई है। ज्ञात हो कि अशोक विहार इलाके के जेजे क्लस्टर में रहने वालों के लिए नए फ्लैट बनाए गए हैं। उसी तरह अन्य झुग्गी बस्तियों में भी फ्लैट बनाए जाएंगे।
डीडीए ने दिया सात महीने का समय
डीडीए ने पिछले साल 13 दिसंबर को व्यवहार्यता मूल्यांकन और डेवलपर्स की भागीदारी के लिए निजी फर्म को अनुबंध पत्र जारी किया था। 10 परियोजनाओं में दिल्ली के विभिन्न हिस्सों के 26,438 घरों वाले 19 जेजे (झुग्गी झोपड़ी) क्लस्टर शामिल हैं। आकलन के लिए डीडीए ने सात महीने का समय दिया है।
लगभग 10,000 घरों वाले छह जेजे क्लस्टर शामिल
इसके तहत दिलशाद गार्डन और कालकाजी में एक-एक जबकि शालीमार बाग और पीतमपुरा को कवर करने वाली एक अन्य परियोजना को प्राथमिकता दी गई है। तीन परियोजनाओं में लगभग 10,000 घरों वाले छह जेजे क्लस्टर शामिल हैं। यह जानकारी दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई है। इसके मुताबिक, दिल्ली में 675 जेजे बस्तियों में से 350 डीडीए के अधिकार वाली जमीन पर मौजूद है।
नीति में बदलाव को दी थी मंजूरी
डीडीए ने गत वर्ष नवंबर में एलजी वीके सक्सेना की अध्यक्षता में एक बैठक की थी, जिसमें इसने अपने झुग्गी बस्ती एवं पुनर्वास नीति में बदलाव को मंजूरी दी थी। डीडीए ने एक बयान में कहा था कि बदलाव इसलिए लाया गया है कि यह सुनिश्चित किया जा सके 100 प्रतिशत लाभार्थी उसी स्थान पर समायोजित हों।

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